Patna : बिहार की नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने बिहार सरकार के राज्य में आरक्षण का दायरा 50 फीसदी से 65 फीसदी बढ़ाये जाने के आदेश को रद्द कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया. याचिकाकर्ता गौरव कुमार और अन्य ने नवंबर 2023 में राज्य की नीतीश कुमार सरकार के आदेश का विरोध किया था. कोर्ट ने दायर याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर 11 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर पटना हाईकोर्ट ने आज फैसला सुनाया.
21 नवंबर को नीतीश ने बढ़ाया था आरक्षण का दायरा
दरअसल नीतीश कुमार सरकार ने पिछले साल 21 नवंबर को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों के लिए आरक्षण 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने की सरकारी अधिसूचना जारी की थी. फिलहाल देश में 49.5% आरक्षण है. ओबीसी को 27%, एससी को 15% और एसटी को 7.5% आरक्षण मिलता है. इसके अलावा आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को भी 10% आरक्षण मिलता है. इस हिसाब से आरक्षण की सीमा 50 फीसदी के पार जा चुकी है. बिहार में भी पहले आरक्षण की सीमा 50% ही थी.