Patna: राज्य में फ्रंट लाइन वर्कर्स के अलावा सरकारी सेवाओं में लगे कर्मी भी अपनी जिंदगी से हाथ धो रहे हैं. सूबे में कोरोना से अब तक करीब 22 इंजीनियरों ने दम तोड़ दिया है. जबकि 500 से अधिक अभियंता अभी भी पॉजिटिव बताये जा रहे है. विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पथ निर्माण विभाग में 3, ग्रामीण कार्य विभाग में 1, भवन निर्माण विभाग में 2, जल संसाधन में 4, लघु जल संसाधन में 1, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण में 1 और 10 अन्य कनीय अभियंताओं की कोरोना से मौत हो गई है. जबकि इनके अलावा 500 से अधिक इंजीनियर संक्रमित बताये जा रहे हैं.
सरकार के फैसले पर अभियंत्रण संघ की नाराजगी
राज्य सरकार के फैसले पर बिहार अभियन्त्रण सेवा संघ ने नाराजगी जताई है. सूबे में लॉकडाउन किये जाने के बावजूद भी अभियंत्रण विभागों में निर्माण कार्य जारी रखने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई है. संघ ने इसे अभियंता के शव पर बिहार का विकास करने वाला कदम बताया है. संघ के महासचिव डॉ सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि अभी तक 22 सेवारत इंजीनियरों का निधन हुआ है. जबकि 500 से अधिक संक्रमित हैं, जो कोरोना से जंग लड़ रहे हैं.
सभी विभागों में निर्माण कार्य जारी
अभियन्त्रण सेवा संघ ने कहा कि इंजीनियरों की मौत के बावजूद विभागों में निर्माण कार्य जारी हैं. लॉकडाउन के गाइडलाइन के अनुसार सभी कार्यालय को बंद कर दिया गया है. लेकिन निर्माण कार्य जारी हैं अब सवाल यह उठता है कि इन कार्यों का अनुश्रवण कौन कर रहा है? बिना अनुश्रवण के क्या गुणवत्तापूर्ण कार्य को सुनिश्चित किया जा सकेगा? क्या कोरोना की स्थिति सामान्य होने पर सम्पादित कार्यों की जांच कराकर अभियंताओं को दंडित नहीं किया जायेगा?