Patna : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज पांचवा और अंतिम दिन था. भोजनावकाश के बाद दूसरे सेशन में सदन में गहमागहमी देखने को मिली. गैर सरकारी संकल्प पर चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ दल के विधायक कृष्ण कुमार मंटू ने शिक्षा विभाग का मुद्दा उठाया. विधायक के अपनी ही सरकार से सवाल पूछने पर सदन में थोड़ी देर के लिए गहमागहमी का माहौल रहा. हालांकि बाद में सब कुछ सामान्य हो गया. बीजेपी विधायक ने सदन में कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बिहार के नौ प्रमंडलीय जिलों में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज खोले हैं. इन कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की मासिक छात्रवृत्ति एक हजार से बढ़ाकर 5000 करने का विचार करें.
शिक्षा मंत्री ने माननीय सदस्य से प्रस्ताव वापस लेने का किया निवेदन
इस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने जवाब दिया कि वर्तमान में स्थितियां ऐसी है कि बिहार के अंदर नौ प्रमंडल के जिलों में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए निशुल्क और गैर आवासीय कोचिंग की व्यवस्था सत्र 2023- 24 से शुरू की गयी है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति गैर आवासीय कोचिंग में होने वाले खर्च का खुद वहन करती है. इसमें राज्य सरकार किसी भी तरह से कोई मदद नहीं करता. इसलिए इस विशेष राशि में वृद्धि का कोई विचार वर्तमान में नहीं है. इसके बाद भाजपा विधायक ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो हर एक क्षेत्र और हर एक व्यक्ति प्रभावित होगा. इसके बाद शिक्षा मंत्री ने कहा कि माननीय सदस्य से निवेदन है कि वह अपना प्रस्ताव वापस ले. कहा कि हम इस पर विचार करेंगे और जल्दी इस पर कोई निर्णय लेंगे.