Mujaffarpur: कोविड टेस्टिंग के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. रैपिड एंटीजन किट की हेराफेरी के मामले में सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियनों की गिरफ्तारी हुई है. अब इस मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. जिले में 16 हजार एंटीजन किट की एंट्री नहीं होने का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक के इन किट्स से जांच की गई थी लेकिन इसकी रिपोर्ट की एंट्री नहीं की गई है. उधर जिले में लगातार कई लोगों को बिना कोरोना जांच कराए उनके मोबाइल नंबर पर मैसेज आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि उन्होंने कोरोना की जांच कराई ही नहीं लेकिन सरकार की तरफ से बेवजह उनकी जांच रिपोर्ट भेजी जा रही है.
माना जा रहा है कि अब स्वास्थ्य विभाग में कोरोना टेस्ट इन को लेकर हुई इस गड़बड़ी की लीपापोती के लिए ऐसे लोगों के मोबाइल नंबर पर टेस्ट रिपोर्ट की मैसेज भेजी जा रही है जिन्होंने अब तक कोरोना की जांच ही नहीं कराई. मुजफ्फरपुर के गायघाट इलाके में कई लोगों को मोबाइल फोन पर ऐसे मैसेज मिले हैं जिससे उनका वैक्सीनेशन पूरा होने की बात सामने आई है. लोगों ने वैक्सीन ली नहीं लेकिन टीकाकरण का मैसेज उनके मोबाइल नंबर पर आ गया. इस पूरे प्रकरण को लेकर इलाके में तरह-तरह की चर्चा हैं.
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मुजफ्फरपुर में कोरोना टेस्टिंग को लेकर हुई इससे बड़ी गड़बड़ी के सामने आने के बाद अब लीपापोती का खेल भी शुरू हो गया है. कई डाटा एंट्री ऑपरेटर ने आरोप लगाया है कि उनके ऊपर अधिकारी यह दबाव बना रहे हैं कि एंटीजन किटों की एंट्री वह डेटाबेस में करें. इसे लेकर शनिवार को अस्पताल परिसर में डाटा एंट्री ऑपरेटर्स ने खुले तौर पर विरोध भी जताया. उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को दबाने की कोशिश हो रही है.