NewDelhi /Patna : बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. कोर्ट ने इस केस के आरोपी पूर्व सांसद सूरजभान सिंह समेत छह आरोपियों को बरी कर दिया है. हालांकि पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान समेत छह लोगों को बरी करने के पटना हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. हालांकि पटना हाई कोर्ट के फैसले के उलट पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला सहित दो दोषियों को उम्रकैद की सजा मुकर्रर की. दोनों को 15 दिन के अंदर सरेंडर करने के लिए कहा गया है.
STORY | 1998 murder case of ex-Bihar minister: SC sentences two persons to life imprisonment
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— Press Trust of India (@PTI_News) October 3, 2024
पटना हाई कोर्ट ने इस केस में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत आठ आरोपियों को बरी कर दिया था. पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए 2014 में सबूतों के अभाव में सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया था. निचली अदालत ने सभी को दोषी करार दिया था.
1998 में बृज बिहारी की गोली मारकर की गयी थी हत्या
बिहार के दिग्गज नेता रहे बृज बिहारी प्रसाद की 1998 में गोली मारकर दिनदहाड़े हत्या कर दी गयी थी. उस समय वे बिहार सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री थे. बृज बिहारी प्रसाद इंजीनियरिंग एडमिशन घोटाले में आरोपी थे. जब वह पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस अस्पताल में शाम को टहल रहे थे, उसी दौरान उन्हें गोली मार दी गयी थी. बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी भाजपा से सांसद रही हैं. उन्होंने सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों ने 21 और 22 अगस्त को इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी. जस्टिस संजीव खन्ना, संजय कुमार और आर महादेवन की बेंच आज अपना फैसला सुनाया। निचली अदालत ने 2009 में सभी आठों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इनमें सूरजभान सिंह, विजय शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला, मुकेश सिंह, राजन तिवारी, ललन सिंह, मंटू तिवारी, राम निरंजन चौधरी, सुनील सिंह और शशि कुमार राय शामिल थे.