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बिहार कारोबारी अगवा मामला, झारखंड पुलिस का जवान चलाता था गिरोह

Palamu: अपहरण के तीन महीने के बाद बिहार के कारोबारी मिथिलेश प्रसाद का नरकंकाल बरामद हुआ है. इस मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है. पुलिस की जांच में बात सामने आई है कि झारखंड पुलिस का एक जवान प्रेमनाथ यादव अपहरण गिरोह चलाता था. इस गिरोह में सिपाही के भाई के साथ-साथ कई लोग शामिल थे. 25 मई को पलामू के नावा बाजार थाना क्षेत्र के कंडा घाटी में कारोबारी मिथिलेश प्रसाद और ड्राइवर श्रवण प्रजापति के जवान प्रेमनाथ ने ही अपहरण किया था.
दोनों अपहृतों का नरकंकाल गढ़वा के रमकंडा थाना क्षेत्र के पुनदागा से बरामद हुआ है. दोनों की पहचान के लिए पुलिस डीएनए टेस्ट करवाने वाली है. इस घटना में शामिल देवघर जिला बल में तैनात सिपाही प्रेमनाथ यादव, उसके ममेरे भाई अजय यादव, चचेरे भाई अमरेश यादव के अलावा सफीक अंसारी और ओमप्रकाश चंद्रवंशी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की निशानदेही पर ही दोनों अपहृतों का नरकंकाल बरामद किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने चार रायफल और 80 गोली बरामद किया है. झारखंड पुलिस के जवान द्वारा संचालित गिरोह कई अपहरण की घटना को अंजाम दे चुका है और पूरे गिरोह पर निगरानी रखता था.
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अपहरण के छह दिन बाद कर दी गई दोनों की हत्या 

पलामू जिले के नावा बाजार थाना क्षेत्र के कंडा घाटी में 25 मई की रात करीब 11 बजे स्पीड ब्रेकर के पास औरंगाबाद की ओर से आ रही एक कार आमने सामने हो गयी. दोनों गाड़ी रुक गयी. गाड़ी रुकते ही दो लोग उतरे और चालक को गाली गलौज करने लगे. जिसके बाद अपराधियों ने कारोबारी मिथिलेश प्रसाद और उनके चालक श्रवण प्रजापति को जबरन उनकी गाड़ी से उतार दिया. अपराधी उन्हें अपने साथ लेकर चले गये. जिसके बाद एक जून को अपराधियों ने सबसे पहले ड्राइवर की हत्या की. उसके बाद मिथिलेश प्रसाद की हत्या कर दी थी. हत्या के बाद व्यवसायी के शव को यूरिया, खाद और नमक डालकर दफना दिया गया था. ड्राइवर को जंगल की दो पहाड़ियों के खोह में फेंक दिया था.

राज्यपाल ने डीजीपी से मांगी थी रिपोर्ट

बिहार का कारोबारी अपहरण कांड काफी हाईप्रोफाइल था. अपहरण कांड में झारखंड के राज्यपाल ने पूरे मामले में डीजीपी से रिपोर्ट मांगी थी. पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पुलिस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे. पलामू पुलिस ने पूरे मामले में लिखित रिपोर्ट डीजीपी को सौंपी थी. पुलिस मुख्यालय से वरीय अधिकारी लगातार">http://lagatar.in">लगातार

इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे थे.
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