Patna: राजनीति में सिर्फ जीतना काफी नहीं है. जीत के बाद विधायकों को एकजुट रखना आसान नहीं होता है. बिहार की राजनीति में कांग्रेस के सामने यह चुनौती उभरने लगी है. पार्टी में टूट का खतरा मंडराने लगा है. कई विधायक कांग्रेस छोड़ने की तैयारी में हैं. इसकी चर्चा सियासी हलकों में होने लगी है. इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस के नेता सतर्क हैं.
कांग्रेस नेता भरत सिंह ने स्वीकार किया है कि कांग्रेस के 11 विधायकों ने दल छोड़ने का मन बनाया है. ये वही विधायक हैं जो पैसे के बल पर टिकट हासिल किए थे. टूट के लिए संख्या बल जुटाने के कारण विलंब हो रहा है. आलाकमान से अपील करते हैं कि वे पार्टी को टूटने से बचाएं.
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एकजुट हैं विधायक
दूसरी तरफ पार्टी के नेता इसे खारिज भी करते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता हरखू झा ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. पार्टी में टूट की बात बिल्कुल असत्य है. कांग्रेस के सभी 19 विधायक एकजुट हैं. यह सब विरोधियों की चाल है.
कांग्रेस टूट को लेकर आ रही खबरों पर सत्तापक्ष ने निशाना साधा है. जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि चुनाव में बिहार की जनता ने कांग्रेस को उसकी हैसियत बता दी है. अब पार्टी के नेताओ को भी वास्तविक स्थिति का एहसास हो रहा है. हम तो पहले से ही कह रहे हैं कि कई विधायक इस तरफ आना चाहते हैं.
बता दें कि बिहार कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी के अंदर ही प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के खिलाफ विरोध की आवाज उठ रही है. पार्टी की अंदरुनी कलह उभरकर सामने आ रही है. मंगलवार को बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ट्वीट करके कांग्रेस प्रमुख से उन्हें इस पद से मुक्त करने की मांग की है. प्रभारी का यह ट्वीट दर्शाता है कि सबकुछ ठीक नहीं है.
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