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बिहार सरकार ने IAS संजीव हंस के खिलाफ मुकदमा चलाने की दी मंजूरी

Bihar :  मनी लॉन्ड्रिंग केस के आरोप में गिरफ्तार बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं. बिहार सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. संजीव हंस, जो पहले बिहार के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव थे, के खिलाफ अब कोर्ट अभियोजन की कार्रवाई शुरू करेगा. राज्य से मंजूरी मिलने के बाद ईडी द्वारा दायर चार्जशीट और बिहार सरकार के निगरानी विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर संजीव हंस के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में मुकदमा चलेगा. बता दें कि आईएएस संजीव हंस पर पद का दुरुपयोग कर काली कमाई करने का आरोप है. बता दें कि इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने बीते साल 16 जुलाई को संजीव हंस और आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान ईडी ने कई जरूरी दस्तावेज जब्त किये थे. इसके बाद 14 सितंबर को ईडी ने संजीव हंस और गुलाब यादव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया था. इस केस में संजीव हंस, गुलाब यादव और उनके परिवार के सदस्यों सहित करीब 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जांच के दौरान ईडी को संजीव हंस की पत्नी और उनके कई रिश्तेदारों के खिलाफ भी ठोस सबूत मिले थे.  इसके बाद 19 अक्टूबर को ईडी ने संजीव हंस और आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव को गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईडी ने दिसंबर में अदालत में संजीव हंस, गुलाब यादव समेत पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. लेकिन राज्य सरकार की मंजूरी नहीं मिलने के कारण कोर्ट मामले का संज्ञान नहीं ले रही थी. दरअसल सरकारी अधिकारियों या लोकसेवकों के खिलाफ किसी अपराध का आरोप लगने पर, तब तक कोर्ट में ट्रायल नहीं हो सकता, जब तक राज्य सरकार मुकदमा चलाने की मंजूरी ना दे.  

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