Patna : पटना हाईकोर्ट ने बिहार शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव केके पाठक पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. मामला न्यायालय के अवमानना का है. हाईकोर्ट की डबल बेंच द्वारा यह सजा सुनाई गई है. उच्च न्यायालय ने बीते 9 सितंबर को एक शिक्षिका की ओर दायर मुकदमे में यह फैसला दिया है. मामला नियोजित शिक्षक की बहाली से जुड़ा हुआ है. संगीता कुमारी नामक एक शिक्षक पद की अभ्यर्थी ने बहाली के लिए आवेदन दिया था. उनके अधिवक्ता कुंदन कुमार ने बताया कि बहाली में शिक्षा विभाग द्वारा पारदर्शिता नहीं बरती गई. गलत प्रक्रिया अपनाने की वजह से उनके क्लाइंट को नौकरी नहीं मिली. इतना ही नहीं शिक्षा विभाग ने 2020 के बाद कोई बहाली नहीं की. इस वजह से बहुत सारे लोगों को करियर बनाने का मौका नहीं मिला. इसे लेकर संगीता कुमारी ने पटना हाईकोर्ट की शरण ली.
दो माह बाद भी अदालत में जवाब दाखिल नहीं किया
केस दर्ज होने के बाद शिक्षा विभाग को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया. कोर्ट ने इसके लिए दो माह का वक्त भी दिया. लेकिन, इतना वक्त बीत जाने के बावजूद शिक्षा विभाग ने न्यायालय को कोई जवाब नहीं दिया. कोर्ट द्वारा इसे न्यायालय की अवमानना करार देते हुए जुर्माना लगाया गया है. जस्टिस पीबी बजंत्री और जस्टिस अरुण कुमार झा के न्यायालय ने पाया कि यह मामला कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट का बनता है. इसलिए शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पर 20 हजार का जुर्माना लगाया गया है. शिक्षा विभाग में सुधार के लिए मनमाना निर्णय लेने के लिए चर्चा में बने रहने वाले केके पाठक के लिए यह बड़ा झटका है.
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