New Delhi : बिहार एसआईआर लिस्ट के संबंध में आज मंगलवार, 7 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अभी तक आयोग के पास किसी व्यक्ति ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई है. कहा कि सिर्फ दिल्ली में बैठे एनजीओ हल्ला कर रहे हैं.
Bihar SIR: Most of the names added to final list are of new voters, ECI to SC
— ANI Digital (@ani_digital) October 7, 2025
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याचिकाकर्ताओं की ओर पेश वकील प्रशांत भूषण और अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को जानकारी दी कि फाइनल लिस्ट से 3.66 लाख लोगों के नाम हटा दिये गये है. उन्हें इससे संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गयी है, जिससे वे लोग अपील कर सकें. उनकी दलील पर चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी का जवाब था कि सभी राजनीतिक दलों को सूची मुहैया कराई गयी थी.
राकेश द्विवेदी ने जोर देकर कहा, हमने हर राजनीतिक दल को लिस्ट दी, , लेकिन कोई भी व्यक्ति खुद चुनाव आयोग के पास नहीं आया है. बस दिल्ली में बैठे एनजीओ शोर मचा रहे हैं. यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं ने अभी तक फाइनल लिस्ट को चुनौती भी नहीं दी है. पुरानी याचिका पर ही बहस की जा रही है.
इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने एडवोकेट प्रशांत भूषण से सवाल पूछा कि पीड़ित लोग कहां हैं. इस पर प्रशांत भूषण ने कोर्ट से गुहार लगाई कि सूची से हटाये गये लोगों के नाम सार्वजनिक किये जाये. इसके बाद वह ऐसे 100-200 लोगों के नाम सामने ला सकते हैं, जिनका नाम लिस्ट में शामिल नहीं है.
प्रशांत भूषण की इस दलील पर चुनाव आयोग ने कहा याचिकाकर्ताओं को इस मामले में हलफनामा दाखिल करना होगा. इसके बाद चुनाव आयोग जवाब देगा. कोर्ट ने यह भी साफ किया कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर ड्राफ्ट लिस्ट और फाइनल वोटर लिस्ट दोनों उपलब्ध हैं, जिससे वह लिस्ट से बाहर हुए नामों की जानकारी हासिल कर सकते हैं.
प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि ड्राफ्ट लिस्ट में 65 लाख लोगों के नाम हटाये गये थे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा हस्तक्षेप करने पर 21 लाख लोगों के नाम शामिल किये गये. उन्होंने कहा, लिस्ट में जोड़े गये नाम पूर्व में हटाये गये थे या नये नाम जोड़े गये हैं, यह समझना जरूरी है.
इस पर चुनाव आयोग ने कहा, अंतिम सूची में जोड़े गये अधिकांश नाम नये मतदाताओं के हैं. इस पर कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि जो नाम लिस्ट से हटे हैं, उनका डेटा डिस्ट्रिक्ट इलेक्टोरल ऑफिस में दिया जाये.
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