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बच्ची की मौत के बाद पिता की फजीहत
बच्ची की मौत के बाद रोते-बिलखते पिता कैलाश भगत को तब और फजीहत का सामना करना पड़ा जब एंबुलेंस के अभाव में उसे अपनी बच्ची के शव को कंधे पर ढोना पड़ा. इतना ही नहीं बच्ची को अस्पताल से ले जाने के लिए पिता को बाइक पर शव के साथ बैठकर जाना पड़ा. इस पूरे मामले में लाचार पिता झोलाछाप डॉक्टर के अलावा किसी को जिम्मेवार नहीं मानते. उसने कहा कि बाकि किसी से कोई शिकायत नहीं है. बता दें कि बच्ची के पिता एक रिक्शा चालक हैं. इसी से वह अपने तीन बच्चों का भरन पोषण करते हैं. इसे भी पढ़ें-पत्रकारिता">https://lagatar.in/it-has-become-necessary-to-remember-rajendra-mathur-in-the-dark-period-of-journalism/">पत्रकारिताके ‘अंधकार कालखंड’ में राजेंद्र माथुर को याद करना ज़रूरी हो गया है [wpse_comments_template]

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