Search

बिहारः इलाज के अभाव में बच्ची की मौत, शव को कंधे पर लेकर भटकता रहा पिता

Begusarai: बिहार में ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था कैसी है यह किसी छुपी नहीं है. ताजा मामला लाखो थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव का है. यहां घर से स्कूल गई 8 वर्षीय बच्ची को तेज बुखार आया. इलाके में सरकारी अस्पताल नहीं होने की वजह से उसके पिता बच्ची को तुरंत पास के झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गया. बच्ची को तेज बुखार देखते हुए ग्रामीण चिकित्सक ने उसे एक इंजेक्शन दिया. इसके बाद बच्ची की स्थिति और खराब होने लगी. इसके बाद बच्ची के पिता कैलाश भगत उसे लेकर शहर पहुंचा. यहां अस्पताल में बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसे भी पढ़ें-राहत">https://lagatar.in/relief-reduced-price-of-coveshield-and-covaxin-now-the-dose-will-be-available-for-rs-225/">राहत

: कोविशील्ड और कोवैक्सिन की घटी कीमत, अब 225 रुपये में लगेगी डोज

बच्ची की मौत के बाद पिता की फजीहत

बच्ची की मौत के बाद रोते-बिलखते पिता कैलाश भगत को तब और फजीहत का सामना करना पड़ा जब एंबुलेंस के अभाव में उसे अपनी बच्ची के शव को कंधे पर ढोना पड़ा. इतना ही नहीं बच्ची को अस्पताल से ले जाने के लिए पिता को बाइक पर शव के साथ बैठकर जाना पड़ा. इस पूरे मामले में लाचार पिता झोलाछाप डॉक्टर के अलावा किसी को जिम्मेवार नहीं मानते. उसने कहा कि बाकि किसी से कोई शिकायत नहीं है. बता दें कि बच्ची के पिता एक रिक्शा चालक हैं. इसी से वह अपने तीन बच्चों का भरन पोषण करते हैं. इसे भी पढ़ें-पत्रकारिता">https://lagatar.in/it-has-become-necessary-to-remember-rajendra-mathur-in-the-dark-period-of-journalism/">पत्रकारिता

के ‘अंधकार कालखंड’ में राजेंद्र माथुर को याद करना ज़रूरी हो गया है
[wpse_comments_template]        

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp