Patna : बिहार में ‘सुपर कॉप’ और ‘सिंघम’ के नाम से मशहूर पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे की राजनीति में एंट्री हो चुकी है. नौकरी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान किया है. हालांकि वे किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने स्पष्ट नहीं किया. लेकिन सूत्रों की मानें तो लांडे जमालपुर और अररिया दो सीटों से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोक सकते हैं.
राजनीति में सिंघम की नई पारी
शिवदीप लांडे मूल रूप से महाराष्ट्र के निवासी हैं और वे बिहार कैडर के 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं. उन्होंने सितंबर 2024 में पुलिस सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ली थी.
शिवदीप लांडे अपने सख्त रवैये, ईमानदारी और जनसेवा की छवि के लिए जाने जाते हैं. अब वे राजनीति में अपनी पहचान बनाने की तैयारी में हैं.
नहीं मिल सका समय पर पार्टी रजिस्ट्रेशन
शिवदीप लांडे ने कुछ समय पहले 'हिंद सेना पार्टी' का गठन किया था, ताकि इसके बैनर तले चुनाव लड़ सकें. लेकिन तकनीकी कारणों से पार्टी का रजिस्ट्रेशन समय पर नहीं हो पाया, जिससे उन्हें फिलहाल स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरना पड़ रहा है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई ही असली एजेंडा
लांडे का कहना है कि उनकी राजनीति का उद्देश्य भ्रष्टाचार से लड़ना और जनता की सेवा करना है. पुलिस सेवा के दौरान उन्होंने अपराध, माफियागिरी और भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ कई चर्चित कार्रवाइयां की थीं. बिहार के कई जिलों में उनकी पोस्टिंग रही और उन्होंने जनता के बीच एक भरोसेमंद अधिकारी की छवि बनाई.
जमालपुर-अररिया से भावनात्मक जुड़ाव
लांडे का जमालपुर और अररिया से भावनात्मक जुड़ाव है. उन्होंने यहां लंबे समय तक सेवा दी है. उनका मानना है कि इन क्षेत्रों में विकास की सख्त जरूरत है. वे कहते हैं कि अगर जनता उन्हें मौका देती है, तो वे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे.
चुनावी माहौल में बनी हलचल
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिवदीप लांडे जैसी शख्सियत के चुनाव में आने से मुकाबला और रोचक हो गया है. निर्दलीय होने के बावजूद उनकी छवि और जनसमर्थन उन्हें बड़ी ताकत दे सकता है.
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