सूत्रों के अनुसार, इन बदलावों का यह मतलब होगा कि राजधानी का दर्जा किसी अन्य केंद्रशासित प्रदेश जैसा हो जायेगा, वहीं केजरीवाल सरकार का मानना है कि यह बिल उसको अपंग बनाने के लिए लाया गया है. इसे भी पढ़ें : देश">https://lagatar.in/corona-is-growing-in-the-country-pm-modi-convenes-meeting-of-chief-ministers-on-march-17/37996/">देशThe Bill says-
1. For Delhi, “Govt” will mean LG Then what will elected govt do? 2. All files will go to LG This is against 4.7.18 Constitution Bench judgement which said that files will not be sent to LG, elected govt will take all decisions and send copy of decision to LG https://t.co/beY4SDOTYI">https://t.co/beY4SDOTYI">https://t.co/beY4SDOTYI
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March">https://twitter.com/ArvindKejriwal/status/1371377896871190528?ref_src=twsrc%5Etfw">March
15, 2021
में बढ़ रहा है कोरोना, पीएम मोदी ने 17 मार्च को बुलायी मुख्यमंत्रियों की बैठक
सभी विषयों के लिए उपराजयपाल की राय लेनी होगी
बता दें कि केंद्र सरकार वर्तमान अधिनियम की धारा 44 में एक नया प्रावधान जोड़ना चाहती है. प्रस्तावित संशोधन कहता है कि दिल्ली में लागू किसी भी कानून के तहत `सरकार, राज्य सरकार, उचित सरकार, उप राज्यपाल, प्रशासक या मुख्य आयुक्त या किसी के फैसले` को लागू करने से पहले संविधान के अनुच्छेद 239AA के क्लॉज 4 के तहत, ऐसे सभी विषयों के लिए उपराजयपाल की राय लेनी होगी. यह विषय एलजी एक सामान्य या विशेष आदेश के जरिए स्पष्ट कर सकते हैं. अनुच्छेद 239AA में दिल्ली से जुड़े विशेष प्रावधानों का जिक्र है. सूत्रों के अनुसार, इस प्रावधान के बाद प्रस्तावों को एलजी तक भेजने या न भेजने को लेकर दिल्ली सरकार कोई फैसला नहीं कर सकेगी. इसे भी पढ़ें : एंटीलिया">https://lagatar.in/mumbai-police-officer-sachin-waje-arrested-in-antilia-case-suspended/37716/">एंटीलियामामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के अफसर सचिन वाजे हुए सस्पेंड
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