Kolkata : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या के बाद भड़की हिंसा को लेकर राजनीति चरम पर है. कांग्रेस सहित भाजपा ममता बनर्जी पर हमलावर है. बता दे कि हत्या के हुई आगजनी में 2 बच्चों सहित 10 लोगों की मौत हो गयी थी. खबर है कि जिस बागतुई गांव में आगजनी हुई, वहां लोग डर के मारे गांव छोड़कर जा रहे हैं. इस मामले में अब तक 20 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं.
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: मंदिरों के वार्षिक मेलों में मुसलमान दुकान नहीं लगा सकते, लगे पोस्टर मैंने ओसी, एसडीपीओ को तत्काल बर्खास्त कर दिया
बीरभूम हिंसा के मामले में सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधा है. ममता ने कहा- सरकार हमारी है, हमें अपने लोगों की चिंता है. हम कभी नहीं चाहेंगे कि किसी को तकलीफ हो. बीरभूम, रामपुरहाट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मैंने ओसी, एसडीपीओ को तत्काल बर्खास्त कर दिया है. मैं कल रामपुरहाट जाऊंगी. मैं रामपुरहाट की घटना को सही नहीं ठहरा रही हूं लेकिन गुजरात और राजस्थान में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं. हम निष्पक्ष कार्रवाई करेंगे. यह बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं. मैंने तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल हाथरस भेजा था लेकिन हमें जाने नहीं दिया गया. लेकिन हम किसी को यहां आने से नहीं रोक रहे हैं. इस मामले की जांच के लिए सीएम ममता बनर्जी ने CID के एडीशनल डायरेक्टर ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में SIT का गठन किया है जो मामले की जांच के लिए बीरभूम के रामपुरहाट पहुंच चुकी है.
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में उथल-पुथल के आसार, सेना प्रमुख बाजवा ने सुनाया फरमान, इमरान खान प्रधानमंत्री पद छोड़ें गृह मंत्रालय ने मांगी बीरभूम हिंसा की रिपोर्ट
बीरभूम जिले में भड़की हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से आम लोगों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के लिए कहा है. मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि बीरभूम की घटना को लेकर बंगाल के BJP अध्यक्ष सुकांतो मजूमदार के नेतृत्व में भाजपा सांसदों ने मुलाकात की है. गृह मंत्री अमित शाह पूरे मामले को खुद देख रहे हैं. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस पर रिपोर्ट तलब की है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पुलिस अधीक्षक बीरभूम और डीजीपी पश्चिम बंगाल को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है.
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हिंसा पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया, आज होगी सुनवाई अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मिले
बीरभूम की घटना को लेकर ममता बनर्जी सरकार चौतरफा घिर गयी है. लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से बीरभूम की घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में संविधान के अनुच्छेद 355 को लागू करने का आग्रह किया. वहीं सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा, `विशेष जांच दल अब काम का है. मैं बीरभूम की घटना पर भारत के राष्ट्रपति से मिलूंगा और उन्हें राज्य में अनुच्छेद 355 पर विचार (लागू) करने का सुझाव दूंगा. कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है, लोग बंगाल में असुरक्षित महसूस करते हैं.`
भाजपा ने मांगा इस्तीफा, कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया
भारतीय जनता पार्टी ने बीरभूम की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा मांगा है और केंद्रीय एजेंसियों से इस घटना की जांच की मांग की है. बीरभूम की घटना को कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने स्वत: संज्ञान लिया है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच करने जा रही है. बेंच के सामने मामला दोपहर 2 बजे पेश होगा. कहा जा रहा है कि हाई कोर्ट इस केस को लेकर बहुत गंभीर है और राज्य सरकार को सख्त निर्देश दे सकती है.
क्या है अनुच्छेद 355
अनुच्छेद 355 केन्द्र सरकार को अधिकृत करता है कि वह किसी बाहरी आक्रमण या आन्तरिक अशान्ति की दशा में राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करें. इस अनुच्छेद का इस्तेमाल तब किया गया जब भाजपा शासित राज्यों में गिरिजाघरों पर हमले हो रहे थे. तब के संसदीय कार्य मंत्री वायलार रवि ने अनुच्छेद 355 में संशोधन कर, राज्य के कुछ भागों या राज्य के कुछ खास क्षेत्रों को केंद्र के नियंत्रण में करने का सुझाव दिया था. [wpse_comments_template]
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