Ranchi: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (SPMU) में शुक्रवार को पद्मश्री गिरिधारी राम गौंझू की जंयती मनाई गई. शिक्षक एवं छात्रों ने फोटो पर माल्यार्पण कर उनके योगदान को याद किया. इसके तहत आयोजित संगोष्टी में झारखंडी भाषा-संस्कृति की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई. इस मौके पर डॉ. मनोज कच्छप ने कहा कि डॉ गिरधारी राम गौंझू नागपुरी साहित्य संसार के सितारा थे. उनकी सोच उच्च कोटि की थी. जीवन में आगे बढ़ना है तो डॉ. गौंझू का अनुसरण करना होगा. जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के अतिरिक्त अन्य झारखंडी भाषाओं में भी पढ़ाई सुनिश्चित करने की जरूरत है. वह समाज को एक साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति थे. उन्होंने साहित्यिक आंदोलन छेड़ा, झारखंड आंदोलन को उनके लेखन से बल मिला.
संजय कुमार साहु ने कहा कि कई किताबें भी प्रकाशित हुई हैं. वह हमेशा से सामाजिक और सांस्कृतिक काम करते थे. झारखंडी महापुरुषों की जयंती मनानी चाहिए. स्टेला टोप्पो ने कहा कि साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान दिया गया है. उनके नाटकों में आज भी झारखंडी संस्कृति की झलक दिखाई पड़ती है. कार्यक्रम का संचालन पन्नालाल महतो ने किया. इस कार्यक्रम में विभाग के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें – हेमंत मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा, राधाकृष्ण को वित्त, इरफान को स्वास्थ्य सहित अन्य मंत्रियों को मिला ये विभाग…
Leave a Reply