19 : राहुल गांधी ने व्हाइट पेपर जारी कर कहा, तीसरी लहर का आना तय, मोदी सरकार को चेताया
देश अच्छा परफॉर्म करता है, तो कांग्रेसियों को उससे चिढ़ होती है
भाजपा ने सिलसिलेबार ढंग से राहुल गांधी पहर हमले किये. कहा कि जब भी भारत में कुछ अच्छा होता है और देश अच्छा परफॉर्म करता है, तो कहीं न कहीं कांग्रेसियों को उससे चिढ़ होती है. राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उस पूरे विषय पर एक प्रश्नचिन्ह लगाने का काम करते हैं. संबित पात्रा ने कहा कि योग दिवस के साथ ही कल. 21 जून का दिन बहुत महत्वपूर्ण था. कल पूरे विश्व में भारत एक मात्र ऐसा देश बना, जिसने एक ही दिन में लगभग 87 लाख लोगों का टीकाकरण किया. पूरे देश में इस लेकर एक पॉजिटिविटी देखने को मिली. इस बीच आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर श्वेत पत्र जारी करना दुखद है. इसे भी पढ़ें : पीएम">https://lagatar.in/gupkar-group-of-jammu-and-kashmir-will-be-involved-in-meeting-with-pm-mehbooba-said-government-should-talk-to-pakistan/93574/">पीएमके साथ 24 की मीटिंग में शामिल होगा जम्मू-कश्मीर का गुपकर ग्रुप, महबूबा ने अलापा राग, सरकार पाकिस्तान से भी बात करे
लॉकडाउन लगाया गया, तो उसे कांग्रेस ने तुगलकी लॉकडाउन बताया
पात्रा ने राहुल गांधी पर कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, जब देश में पहली बार लॉकडाउन लगाया, तो उसे तुगलकी लॉकडाउन बताया गया. अब कह रहे कि समय पर लॉकडाउन क्यों नहीं लगाया. पहले कहा, हमें वैक्सीन चाहिए. अब कह रहे हैं कि वैक्सीन में गाय का सीरम है. हमें वैक्सीन क्यों नहीं दी जा रही है? इस सवाल के बीच पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य कोवैक्सिन लेने से इनकार करते हैं. इस तरह कई बाधाएं राहुल और कांग्रेस पार्टी ने कोरोना की लड़ाई के बीच खड़ी की हैं. संदीप पात्रा ने आरोप लगाया कि कोरोना की दूसरी लहर कांग्रेस शासित राज्यों से शुरू हुई. कांग्रेस शासित राज्यों में इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा और सर्वाधिक मामले आये. कहा कि सबसे ज्यादा मौतें कांग्रेस शासित राज्यों में हुईं. कांग्रेस शासित राज्यों ने कोवैक्सिन लेने इनकार किया और वहां सर्वाधिक मृत्यु दर रही. श्वेत पत्र जारी करने वालो को इस पर भी जवाब देना चाहिए. इसे भी पढ़ें : सुब्रमण्यम">https://lagatar.in/subramanian-swamy-said-china-is-miles-ahead-of-india-in-every-respect-imf-un-dont-see-basic-data-of-china/93527/">सुब्रमण्यमस्वामी ने कहा, चीन हर मामले में भारत से मीलों आगे, IMF-UN नहीं देखते बुनियादी डेटा, इसलिए चीन पर गलत साबित हो रहे

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