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भाजपा ने चुनी लाठी, झामुमो ने चुनी बातचीत : मंत्री जगरनाथ महतो

Ranchi : झारखंड के चंद्रपुरा और लोवाडीह ब्लॉक की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और पोषण सखियों से बात करते हुए, झारखंड के शिक्षा विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने गुरुवार को कहा कि भाजपा और झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार के बीच अंतर यह है कि हमारी सरकार बातचीत का रास्ता अपनाती है और पूर्व की सरकार लाठीचार्ज करती थी. हम श्रमिकों और उनके मुद्दों के बारे में पूछते हैं, पूर्व की सरकार इसके विपरीत अपने अधिकारों की मांग करने वालों पर लाठीचार्ज का आदेश देती थी.

दो महीने के भीतर नियम बनने की उम्मीद

महतो ने कहा, `हम आपकी सभी मांगों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं और इस मुद्दे पर कैबिनेट के दौरान मुख्यमंत्री से बात करने की योजना बना रहे हैं. सरकार ने उनके लिए सेवा शर्त नियम तैयार करना शुरू कर दिया है. सीएम सोरेन ने उसे तैयार करने का निर्देश दिया है. दो महीने के भीतर नियम बनने की उम्मीद है. सरकार आपके साथ है और आपका समर्थन करती है. निश्चिंत रहें, आपकी सभी मांगें पूरी होंगी. आंगनवाड़ी सेविका-सहायिकाओं से कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, कल्याण जोबा मांझी, गुमला से झामुमो विधायक सुदिव्या कुमार सोनू ने उनकी बातों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/jagann1.jpg"

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सरकार आंगनबाड़ी सेविकाओं- सहायिकाओं के उत्थान पर काम कर रही है : जोबा मांझी

जोबा मांझी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, `आपका संघर्ष समाप्त होने पर मैं आपको बधाई देती हूं. हमने हमेशा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम किया है.` उन्होंने राज्य में महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करने के लिए सीएम सोरेन की सराहना की और महिलाओं को आश्वासन दिया कि राज्य और सरकार उनके मुद्दों को हल करने और उनकी मांगों को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है.

13 हजार रुपये मासिक मानदेय तय करने को लेकर बातचीत चल रही है

गौरतलब है कि पारा शिक्षकों की तरह आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का भी मानदेय तय करने की बात चल रही है. करीब 13 हजार रुपये मासिक मानदेय तय करने को लेकर बातचीत चल रही है. साथ ही विभागीय संविदा कर्मियों को मंहगाई भत्ता व अन्य भत्ते देने की बात कही जा रही है. इसके साथ ही शासन द्वारा स्वीकृत अवकाशों पर भी विचार किया जा रहा है. वहीं आंगनबाडी कार्यकर्ता, लघु सेविका एवं सहायिका की सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को अनुकंपा लाभ देने का प्रस्ताव भी नियमों में रखा जा रहा है. आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और सरकार के बीच मध्यस्थता कर रहे झामुमो विधायक सुदिव्या कुमार सोनू ने कहा कि उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ कई दौर की बैठक की है. और इस पर रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री को सौंपेंगे. इधर, महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से तैयारियां की जा रही हैं. इसे भी पढ़ें – राज्यपाल">https://lagatar.in/the-family-members-of-yadunath-pandey-and-rupesh-pandey-met-the-governor-demanded-a-cbi-inquiry-into-the-murder/">राज्यपाल

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सेविका- सहायिका को सरकार में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए

इस बीच आंगनबाडी सेविका संघ ने भी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले पूरक पोषाहार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार लागू करने की मांग की है. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सेविका- सहायिका को सरकार में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए. उन्होंने आगे मांग की है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए आंगनबाडी कार्यकर्ता को सरकारी कर्मचारी के रूप में बहाल नहीं किए जाने तक एक सेविका को 25 हजार रुपये और एक सहायिका को 15 हजार रुपये का भुगतान किया जाए. महिलाएं यह भी चाहती हैं कि केंद्र सरकार द्वारा 2011 में की गई घोषणा के अनुसार छोटे आंगनबाडी केंद्र की कार्यकर्ताओं को बिना देर किए समान मानदेय दिया जाए.

सहायिकाओं को खीर खिलाकर ठोस कारवाई का भरोसा दिया

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की अन्य मांगों में आयु सीमा को हटाना और काम करते समय सेविका-सहायक की मृत्यु के मामले में अटल जीवन ज्योति बीमा के लाभ के साथ 50 लाख बीमा के रूप में दिया जाना शामिल है. इस अवसर पर महिलाओं द्वारा जोबा मांझी को आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की मांगों सहित एक औपचारिक पत्र भेंट किया गया. मंत्री ने अपने आवास पर आंगनबाडी सेविकाओं और सहायिकाओं को खीर खिलाकर ठोस कारवाई का भरोसा दिया. इसे भी पढ़ें – हेमंत">https://lagatar.in/hemant-cabinet-meeting-concluded-35-proposals-got-approval/">हेमंत

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