Kolkata : पश्चिम बंगाल चुनाव में TMC के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर द्वारा चुनाव प्रबंधन कार्य से संन्यास लिये जाने की खबर है. बता दें कि प्रशांत किशोर ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में यह जानकारी दी. प्रशांत किशोर लंबे समय से चुनाव प्रबंधन का करते रहे हैं. अब उन्होंने इस कार्य से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है. टीएमसी व एमके स्टालिन की पार्टी डीएमके लिए के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीति का काम छोड़ने की घोषणा की है.
चुनाव मैनेजमेंट का काम छोड़कर अब पीके क्या करेंगे
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि वह अब इस कार्य को छोड़ने जा रहे हैं. हालांकि किशोर आने वाले समय में किस ओर कदम बढ़ाएंगे इसको लेकर पत्ते नहीं खोले हैं. ममता बनर्जी एक बार फिर बंगाल में चुनाव जीतती दिख रही हैं. उनकी जीत के पीछे प्रशांत किशोर का बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने दावा किया था कि बंगाल में बीजेपी ट्रिपल डिजिट यानि 100 का आंकड़ा नहीं छू पाये्गी.
, चुनाव नतीजों से पहले उन्होंने कहा था कि बंगाल में भाजपा अगर दहाई का आकंड़ा पार कर ले तो वो संन्यास ले लेंगे, लेकिन अब जबकि भाजपा 100 से नीचे ही रह गयी है, फिर भी प्रशांत किशोर ने अपने संन्यास की बात कही है. उन्होंने लाइव टीवी पर इस बात की घोषणा की. अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए पीके ने कहा कि अब तक लोग मुझे रोल में देखते हैं, वो मैं अब नहीं निभाऊंगा.
21 दिसंबर 2020 को किये गये अपने ट्वीट में उन्होंने कहा था, ‘मीडिया के इतनी हाइप करने के बाद भी बीजेपी पश्चिम बंगाल में दो डिजिट का आंकड़ा भी नहीं पार कर पायेगी. ये ट्वीट सेव कर लीजिए और अगर बीजेपी इससे बेहतर करती है तो मैं अपना काम छोड़ दूंगा.
बीजेपी की ओर से एक ऑडियो क्लिप जारी की गयी थी
दरअसल, प्रशांत किशोर ने यह बात उस समय कही थी जब बीजेपी की ओर से एक ऑडियो क्लिप जारी की गयी थी, जिसमें प्रशांत किशोर को कथित रूप से यह कहते हुए सुना जा सकता था कि राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘जितने ही लोकप्रिय हैं. किशोर ने बीजेपी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘क्लबहाउस’ पर पूरा चैट जारी करने की चुनौती दी थी और दावा किया था कि वर्तमान विधानसभा चुनाव में भगवा पार्टी को 100 से ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी.
मैंने पॉलिटिक्स ज्वाइन की लेकिन फेल हो गया
चुनाव मैनेजमेंट का काम छोड़कर अब पीके क्या करेंगे, इस पर उन्होंने बताया कि कुछ समय दीजिए, इसके बारे में सोचना पड़ेगा. मैं कुछ तो करूंगा. पीके ने ये भी बताया कि क्विट करने की बात मैं काफी लंबे समय से सोच रहा था, लेकिन सही वक्त नहीं मिल रहा था, अब बंगाल के वक्त राइट टाइम लगा.पीके के अनुसार राजनीति में जाना हमेशा उनके रडार पर रहा है, वो राजनीति में गये भी. पीके ने बताया कि मैंने पॉलिटिक्स ज्वाइन की लेकिन फेल हो गया. उन्होंने कहा कि अगर मैं राजनीति में भी जाता हूं तो सोचूंगा कि क्या कमी रही, फिर कोई फैसला लूंगा.