NewDelhi : भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक यहां 16-17 जनवरी को होगी और इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल में विस्तार को मंजूरी दी जा सकती है. पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रमुख संगठनात्मक निकाय की बैठक में विभिन्न राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति पर विचार किया जायेगा. इसके साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों का भी जायजा लिया जायेगा.
BJP national executive meeting on Jan 16, 17; Nadda’s tenure extension on cards
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— ANI Digital (@ani_digital) January 3, 2023
नड्डा का तीन साल का कार्यकाल इस माह के अंत में पूरा हो रहा है
बता दें कि पार्टी प्रमुख के रूप में नड्डा का तीन साल का कार्यकाल इस महीने के अंत में पूरा हो रहा है और इस बात की पूरी संभावना है कि आगामी चुनावों को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि भारत को मिली जी-20 की अध्यक्षता के मौके पर सरकार द्वारा आयोजित देशव्यापी कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श बैठक के मुख्य आकर्षण में से एक होने की संभावना है, क्योंकि भाजपा इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करेगी और इस कवायद में अपने कार्यकर्ताओं को शामिल करने का खाका तैयार करेगी.
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भाजपा सरकार के कामकाज पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है
उन्होंने बताया कि हाल में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन और केंद्र में भाजपा की सरकार के कामकाज पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है. बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर संगठनात्मक चुनावों को स्थगित करने पर भी चर्चा हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, अप्रैल-मई 2024 में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पार्टी में आंतरिक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.
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अमित शाह को 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए कार्यकाल का विस्तार मिला था
श्री नड्डा के पूर्ववर्ती और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारी का नेतृत्व करने के लिए कार्यकाल का विस्तार मिला था. संसदीय चुनावों के बाद ही भाजपा के संगठनात्मक चुनाव शुरू हुए और नड्डा को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया और प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान शाह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.
एक अनुभवी संगठनात्मक व्यक्ति नड्डा के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेतृत्व के साथ भी अच्छे संबंध हैं और उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का विश्वास हासिल है. पार्टी के कई नेताओं का मानना है कि उन्होंने उस संगठनात्मक गतिशीलता को बनाए रखा है, जो भाजपा को उनके पूर्ववर्ती के कार्यकाल में मिली थी.
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