Ranchi: हेमंत सरकार द्वारा जनजाति सलाहकार परिषद (टीएसी) की नियमावली में किये बदलाव पर बीजेपी नेताओं के उठाये सवाल पर जेएमएम ने पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल को पूरी तरह से बरगलाया है. उन्होंने कहा है कि 2006 में जब छत्तीसगढ़ में जब रमन सिंह की सरकार आयी थी, तो उस वक्त उन्होंने इसी प्रावधान के तहत वहां की टीएसी नियमावली में संशोधन किया गया था. उन्होंने कहा है कि बीजेपी नेताओं को बताना चाहिए कि हेमंत सरकार के इस पहल पर क्या आपत्ति है. जब रमन सिंह सरकार ने ऐसा किया था, तो केंद्र में मनमोहन सिंह सरकार थी. उस दौरान किसी तरह का विवाद नहीं आया था.लेकिन आज बिना वजह से बीजेपी नेता विवाद खड़ा कर रहे हैं.
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कोर्ट ने भी रमन सरकार की पहल को ठहराया था सही
सुप्रियो ने कहा कि रमन सरकार की इस पहल के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किया था. 2012 में दाखिल इस पीआइएल में सरकार की पहल को चुनौती दी गयी थी.लेकिन कोर्ट ने सुनवाई कर राज्य मंत्रिपरिषद के निर्णय को जायज ठहराया था. बाद में जब याचिकाकर्ता ने इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, तो वहां भी तीन सदस्यीय बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया था.
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राज्यपाल के अधिकार में सीधा-सीधा अतिक्रमण बताते हुए बीजेपी कर रही विरोध
जेएमएम नेता ने कहा कि 2019 में हेमंत सरकार के आने के बाद राज्यपाल के पास दो-दो बार सदस्यों के नामों की सूची भेजने का काम किया था. लेकिन राजभवन से दोनों बार यह प्रस्ताव लौटा दिया गया. बता दें कि रविवार को बीजेपी नेताओं ने रविवार को राज्यपाल से मिलकर हेमंत सरकार के द्वारा नियमावली में किये बदलाव पर आपत्ति दर्ज करायी थी. बीजेपी नेताओं का कहना है कि नियमावली में बदलाव का अधिकार राज्य मंत्रिपरिषद को नहीं है.यह अधिकार राज्यपाल को है. ऐसे में हेमंत सरकार का यह कदम राज्यपाल के अधिकार में सीधा-सीधा अतिक्रमण है.