कांग्रेस के घोषणा पत्र में राहुल गांधी की पसंदीदा जगह थाईलैंड की तस्वीर भी पर्यावरण सेक्शन में प्रकाशित की गयी है. पूछा कि आखिर यह पूरा घोषणा पत्र किसने तैयार किया है.
New Delhi : कांग्रेस द्वारा आज शुक्रवार के लोकसभा चुनाव 2024 के लिए घोषणा पत्र(न्याय पत्र) जारी किया गया है. घोषणा पत्र में 5 न्याय, 25 गारंटियों का ऐलान किया गया है. लेकिन कांग्रेस का न्याय पत्र जारी होते ही भाजपा ने इस पर हल्ला बोल दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के घोषणापत्र को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए आरोप लगाया कि देश में कई दशकों तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किया गया कोई भी वादा पूरा नहीं किया. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
VIDEO | Here’s what BJP leader Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) said on the Congress launching its manifesto for the forthcoming Lok Sabha polls.
“The main opposition party, which is called the Grand Old Party and is moving from being old to oldest to oblivion, is saying… pic.twitter.com/bY7cI5xzum
— Press Trust of India (@PTI_News) April 5, 2024
On Congress’ Lok Sabha manifesto, Assam CM & BJP leader Himanta Biswa Sarma says, “Cong manifesto promises to remove an elected State Govt, restore triple talaq, makes a U-turn on OPS, has no delivery date on any of its promises, lacks a plan to harness benefits of Industry 4.0… pic.twitter.com/PBxJcN3vg8
— ANI (@ANI) April 5, 2024
कांग्रेस ने मान लिया है कि 55 साल अन्याय किया है
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए कांग्रेस इस तरह का चुनावी घोषणापत्र लेकर आयी है. त्रिवेदी ने कहा, कांग्रेस आज न्याय की बात कर रही है, लेकिन उसकी सरकारों ने सत्ता में रहते हुए न्याय नहीं किया. उन्होंने कहा, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र का नाम रखा है न्याय पत्र. मतलब इन्होंने मान लिया है कि 55 साल इन्होंने अन्याय किया है भाजपा प्रवक्ता ने कांग्रेस के घोषणापत्र में इस्तेमाल की गयी कुछ तस्वीरों को विदेश की बताया और इसे लेकर भी विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा.
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में विदेश की तस्वीरें छापी
भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में विदेश की तस्वीरें छापी हैं. भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि घोषणा पत्र में वाटर मैनेजमेंट के नाम पर जो फोटो प्रकाशित की गयी है, वह अमेरिका के न्यूयॉर्क में बह रही बफैलो नदी की है. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा…यह तो एक यक्ष प्रश्न है कि ऐसा किसने किया. श्री त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में राहुल गांधी की पसंदीदा जगह थाईलैंड की तस्वीर भी पर्यावरण सेक्शन में प्रकाशित की गयी है. पूछा कि आखिर यह पूरा घोषणा पत्र किसने तैयार किया है.
कांग्रेस पर्सनल लॉ को वरीयता देना चाहती है
श्री त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस पर्सनल लॉ को वरीयता देना चाहती है. इनसे उम्मीद भी क्या की जा सकती है. जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले को इन्होंने पलटकर शरिया को तरजीह दे दी थी तो फिर यह क्या चीज है. सुधांशु त्रिवेदी शाहबानो केस का जिक्र कर रहे थे, जब राजीव गांधी की सरकार ने संसद से कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल दिया था.
घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने के लिए विदेशी एजेंसी को काम पर रखा : हिमंत बिस्वा सरमा
असम के सीएम और भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में एक निर्वाचित राज्य सरकार को हटाने, तीन तलाक को बहाल करने, ओपीएस पर यू-टर्न लेने का वादा किया गया है, इसके किसी भी वादे पर कोई डिलीवरी तिथि नहीं है. उद्योग 4.0 के लाभों का दोहन करने की योजना का अभाव है और सबसे बुरी बात यह है कि थाईलैंड और अमेरिका की तस्वीरों को भारत की तरह पेश किया गया है, क्या उन्होंने अपने घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने के लिए एक विदेशी एजेंसी को काम पर रखा है?
खड़गे ने कहा, घोषणापत्र में भविष्य के शानदार भारत की तस्वीर नजर आती है
इससे पहले, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें उसने जाति जनगणना कराने, आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 50 प्रतिशत से अधिक करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और नयी शिक्षा नीति में संशोधन करने समेत कई वादे किये हैं. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र को ‘न्याय पत्र’ नाम दिया है. यह पांच न्याय और 25 गारंटी पर आधारित है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस घोषणापत्र में भविष्य के शानदार भारत की तस्वीर नजर आती है, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह चुनाव, संविधान और लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास करने वालों और इन्हें बचाने की कोशिश करने वालों के बीच होने जा रहा है.