संकल्प पत्र में समाहित किये गये हैं 25 पाइंट
Ranchi : झारखंड भाजपा ने 1.82 लाख लोगों के सुझाव को समाहित कर संकल्प पत्र जारी किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसका लोकापर्ण किया.
संकल्प पत्र के प्रमुख बिंदु
- • ‘गोगो दीदी योजना’ के माध्यम से हर महीने की 11 तारीख को झारखंड की सभी महिलाओं के बैंक खाते में 2,100 दिये जायेंगे. राज्य के सभी परिवारों को 500 रुपए में एलपीजी गैस सिलेंडर और साल में दो मुफ्त सिलेंडर मिलेगा.
- • 5 वर्षों के भीतर झारखंड के युवाओं के लिए 5 लाख स्वरोजगार के अवसर सृजन करेंगे. इसके अलावा 2,87,500 सरकारी पदों पर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से भर्ती सुनिश्चित किया जायेगा. पहली कैबिनेट बैठक में भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेंगे और नवंबर 2025 तक डेढ़ लाख पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. सभी परीक्षाओं के लिए एक वार्षिक कैलेंडर जारी करेंगे. हर स्नातक और स्नातकोत्तर युवा साथी को दो वर्षों की अवधि के लिए प्रति माह 2,000 रुपये युवा साथी भत्ता प्रदान किया जायेगा.
- • झामुमो सरकार में व्याप्त वर्षों के कुशासन को खत्म करेंगे और सभी के लिए आवास सुनिश्चित किया जायेगा.
- • झारखंड के प्रत्येक नागरिक को घर बनाने के लिए निःशुल्क बालू उपलब्ध कराया जायेगा.
- • 21 लाख घरों के लिए पीएम आवास योजना का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जायेगा.
- • 2027 तक जल जीवन मिशन के पूर्ण कार्यान्वयन के माध्यम से शेष 59 लाख घरों में नल जल कनेक्शन दिया जायेगा.
- • झारखंड में सरकारी पदों पर नियुक्ति में पारदर्शिता और अभ्यर्थियों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए जेएसएससी सीजीएल परीक्षा को रद्द करेंगे और पूर्वगत सीजीएल परीक्षा की सीबीआई जांच करायेंगे. सभी प्रमुख पेपर लीक, विषेशकर पीजीटी, लैब असिस्टेंट, एवं 11वीं जेपीएससी के मामलों में सीबीआई जांच शुरू करेंगे. 30 दिनों के भीतर जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति की जायेगी.
- • झारखंड में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने और आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जायेंगे. संथाल परगना सहित पूरे झारखंड में सख्त कानूनी प्रक्रिया लागू कर अवैध घुसपैठ पर पूर्ण विराम लगाया जायेगा. घुसपैठियों द्वारा कब्जा की गयी आदिवासी जमीन को वापस लौटाने के लिए कानून बनाया जायेगा. यह सुनिश्चित किया जायेगा कि आदिवासी महिलाओं से शादी करने वाले घुसपैठियों के बच्चों को आदिवासी दर्जा न दिया जाये ताकि आदिवासी समुदायों की भावी पीढ़ी अपने अधिकारों का वास्तविक लाभ ले सके.
- • महिला सशक्तिकरण के लिए 50 लाख तक मूल्य की अचल संपत्ति के पंजीकरण के लिए एक रुपये की स्टांप ड्यूटी को पुनः बहाल किया जायेगा.
- • बीएड, नर्सिंग और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए सरकारी संस्थानों में निःशुल्क शिक्षा प्रदान किया जायेगा. निजी संस्थानों में ट्यूशन फीस के खर्च को वहन किया जायेगा.
- • झारखंड में विस्थापन से पहले पुनर्वास’ सुनिश्चित करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक पुनर्वास आयोग का गठन किया जायेगा.
- • राज्य में प्रत्येक आदिवासी धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के विकास के लिए और गांव स्तर पर पर्वों और लोक आयोजनों के लिए अनुदान सहायता दी जायेगी. आदिवासी भाषाओं, इतिहास, कला और संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ खर्च कर सिद्धो-कान्हों शोध केंद्र स्थापित किया जायेगा. गांवों में स्मारकों, सूचना केंद्रों और प्रदर्शनियों के माध्यम से बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हों और नीलांबर-पीतांबर जैसे आदिवासी नायकों को सम्मानित किया जायेगा.
- • ‘फूलो-झानो पढ़ो बिटिया योजना के तहत राज्य के गरीब और पिछड़े वर्ग की प्रत्येक बालिका को (केजी से पीजी तक) तक मुफ्त शिक्षा प्रदान किया जायेगा.
- • सुरक्षा योजना के तहत प्रत्येक गर्भवती महिला को 6 पोषण किट और 21,000 की सहायता दी जायेगी.
- • राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए एक व्यापक आधारभूत ढांचा विकसित किया जायेगा. झारखंड में 10 नये सरकारी मेडिकल कॉलेज और राज्य के प्रत्येक जिले में एक नर्सिंग प्रशिक्षण कॉलेज स्थापित किया जायेगा. आयुष्मान भारत जीवन धारा योजना से सभी 70 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को 10 लाख तक निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जायेगी, जिसमें आयुष्मान भारत के तहत राज्य द्वारा 15 लाख की सहायता दी जायेगी. सीएचसी, पीएचसी और अन्य सरकारी अस्पतालों में 25,000 नये बेड की सुविधा उपलबध कराई जायेगी.
- • मौजूदा सरकार के व्यापक कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को लागू करेंगे और एक जांच आयोग का गठन किया जायेगा.
- • 2 साल के भीतर नक्सलवाद का खात्मा करेंगे. एडवांस टेक सर्विलांस मैकेनिज्म और एक मजबूत कानूनी ढांचे के माध्यम से राज्य में अवैध खनन पर अंकुश लगायेंगे.
- • 181 सीएम संवाद हेल्पलाइन को पुनः बहाल करेंगे. पंचायती राज व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए मुखियाओं का मासिक वेतन 5,000 तक बढ़ाया जायेगा.
- • झारखंड को 2027 तक मानव तस्करी मुक्त बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर ‘ऑपरेशन सुरक्षा’ शुरू किया जायेगा, जिसका ध्यान मानव तस्करी की रोकथाम, बचाव और पुनर्वास पर होगा.
- • सभी क्षेत्रीय भाषाओं में तत्काल सहायता और जानकारी के लिए 24/7 टोल-फ्री एंटी-ट्रैफिकिंग हेल्पलाइन लॉन्च किया जायेगा. पीड़ितों के लिए एक विशेष सहायता और पुनर्वास कोष का गठन करेंगे, जो उन्हें अधिक सहायता, कानूनी समर्थन और आजीविका के अवसर प्रदान करेगा.
- • ‘कृषक सु-नीति’ शुरू की जायेगी, जिसके तहत धान की खरीद दर को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाया जायेगा. खरीद के 24 घंटे के भीतर डीबीटी के माध्यम से भुगतान करेंगे. छोटे और सीमांत किसानों एवं पशुपालकों की भूमि पर 15,000 प्रति एकड़ 25,000 रुपये तक प्रदान करने के लिए कृषि आशीर्वाद योजना को फिर से शुरू किया जायेगा. 2030 तक राज्य में सिंचाई क्षेत्र को तीन गुना तक बढ़ाया जायेगा.
- • सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में एससी/ एसटी आरक्षण यथावत रखते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27% आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही कानूनी अड़चनों को हटायेंगे.
- • झारखंड को परिवहन नेटवर्क के सहज एकीकरण के माध्यम से जोड़ा जायेगा.
- • विश्वस्तरीय ‘डायमंड क्वाड्रिलैटरल एक्सप्रेसवे’ का निर्माण करेंगे, जो पश्चिमी से पूर्वी झारखंड तक फैलेगा, और पलामू, हजारीबाग, धनबाद और गुमला जैसे प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ेगा. हम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 25,000 किमी मजबूत, सभी मौसमों के लिए अनुकूल सड़कें बनायेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि झारखंड का हर गांव मुख्य मार्ग से जुड़े. राज्य के सभी जिला मुख्यालयों को राजधानी रांची से रेल नेटवर्क द्वारा जोड़ा जायेगा.
- • देशभर के सभी प्रमुख शहरों में ‘झारखंड जोहार भवन’ स्थापित किया जायेगा ताकि राज्य के बाहर रहने वाले झारखंडियों को अन्य राज्यों में सुविधाएं, सुरक्षा की गारंटी और आपातकालीन समय पर सहायता प्रदान की जा सके.
- • वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों के लिए मासिक पेंशन को 2,500 रुपए तक बढ़ाया जायेगा. जिससे उनकी वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
- • न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तंत्र के अंतर्गत अरहर और मडुआ को शामिल किया जायेगा. हर आदिवासी ब्लॉक में प्रसंस्करण और भंडारण केंद्र स्थापित किया जायेगा, ताकि केंदू पत्ता, महुआ, और मशरूम जैसे कन उत्पादों को मूल्यवर्धन किया जा सके. बड़े आकार के आदिवासी बहुपरकारी समितियों (लैंप्स) का गठन किया जायेगा, ताकि जनजातीय उत्पादों के लिए ऋण सहायता और बाजार उपलब्ध करवाया जा सके. वन-आधारित समुदायों को महुआ, केंदू पत्ता, लाह, इमली, साल बीज, और चिरौंजी जैसे प्रमुख वन उत्पादों की खरीद करेंगे.
- • यह सुनिश्चित किया जायेगा कि प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के दायरे से आदिवासी समुदायों को बाहर रखा जायेगा. पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार) का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मुखियाओं एवं पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाया जायेगा. वन अधिकार अधिनियम का प्रभावी कार्यान्वयन और वन अधिकार पट्टों का वितरण सुनिश्चित किया जायेगा. विशेष रूप से आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदायों के खिलाफ वन विभाग द्वारा दर्ज छोटे मुकदमों की समीक्षा कर समाप्त किया जायेगा. पलायन समाप्त करने के लिए झारखंड को कौशल विकास के हब के रूप में विकसित किया जायेगा. 5 लाख युवाओं के लिए 21 लाख वार्षिक वित्तीय सहायता के इंटर्नशिप और स्किल ट्रेनिंग’ कार्यक्रम शुरू किया जायेगा.
- • प्रमुख देवी मंदिरों को जोड़ते हुए भगवती सर्किट स्थापित किया जायेगा. बाबा वैद्यनाथ एवं बाबा बासुकीनाथ तीर्थक्षेत्र विकास योजना शुरू किया जायेगा, जिसके अंतर्गत तीर्थयात्रा सुविधाओं में सुधार, श्रावणी मेला को बढ़ावा और साहिबगंज में गंगा नदी के किनारे को सांस्कृतिक केंद्र में बदलना शामिल होगा. महत्वपूर्ण आदिवासी नायकों के स्मारक स्थलों को जोड़ते हुए आदिवासी सर्किट बनाया जायेगा. झारखंड को ‘इको-टूरिज्म राजधानी बनायेंगे, होमस्टे का विस्तार किया जायेगा. सांस्कृतिक प्रचार करेंगे और बेतला राष्ट्रीय उद्यान को शीर्ष इकोटूरिज्म गंतव्य में बदला जायेगा.