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10 राज्यों में मिल चुके हैं ब्लैक फंगस के मरीज, झारखंड में भी आंकड़ा 25 के पार

रांची/दिल्ली : झारखंड सहित 10 राज्यों में ब्लैक फंगस के मरीज मिले हैं. गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और झारखंड में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. झारखंड सरकार ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने अलर्ट जारी किया है. प्रदेशभर में ब्लैक फंगस संक्रमित 25 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा व पंजाब में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का खतरा बढ़ रहा है. सिर्फ रायपुर में 30 से अधिक मरीज मिल चुके हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर में अब तक चार और नरसिंहपुर में एक मरीज की मौत हो गई है. झारखंड में भी दो मौत हो चुकी है.

क्या है ब्लैक फंगस?

ब्लैक फंगस या काली फफूंद एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है. ये म्यूकर फफूंद के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्जियों में पनपता है. अभी कोरोना संक्रमित कई मरीजों में फंगस इंफेक्शन की शिकायत देखी गई है. इस फंगस इंफेक्शन को ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस कहते हैं.

मरीज साफ-सफाई का रखें ध्यान

कोरोना मरीज साफ-सफाई का का खास ख्याल रखें और रोजाना नहाएं. इसके अलावा धूल वाली जगहों पर मास्क जरूर लगाएं, गार्डेनिंग या मिट्टी में काम करते वक्त जूते, हाथों-पैरों को ढकने वाले कपड़े और ग्लव्स जरूर पहनें.

ब्लैक फंगस संक्रमण के लक्षण

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार ब्लैक फंगस की पहचान इसके लक्षणों से की जा सकती है.

  • इसमें नाक बंद हो जाना
  • नाक व आंख के आस-पास दर्द व लाल होना
  • बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस फूलना,
  • खून की उल्टियां
  • मानसिक रूप से अस्वस्थ होना और कंफ्यूजन की स्थिति शामिल हैं
  • यह कोरोना वायरस के उन मरीजों पर सबसे ज्यादा अटैक कर रहा है, जिनको शुगर की बीमारी है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी ब्लैग फंगस के बारे में जानकारियां साझा की

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को ब्लैक फंगस को लेकर कई अहम जानकारियां साझा कीं. उन्होंने इसके लक्षण बताने के साथ यह भी सलाह दी है कि म्यूकोरमाइकोसिस से बचने के लिए क्या किया जाए और क्या नहीं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ``जागरूकता और जल्दी पहचान फंगल इन्फेक्शन को फैलने से रोक सकता है.`` उन्होंने ट्विटर पर चार स्लाइड शेयर किए हैं, जिनमें काफी अहम जानकारियां दी गई हैं. सरकार ने कहा है कि म्यूकोरमाइकोसिस को काबू करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं और इसके इलाज के लिए Amphotericin B की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. म्यूकोरमाइकोसिस से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए डॉक्टर यह दवा लिख रहे हैं.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा-क्या करें, क्या नहीं?

स्वास्थ्य मंत्री की ओर से साझा एक अन्य स्लाइड में कहा गया है कि हाइपरग्लाइकेमिया को नियंत्रित रखा जाए. डायबिटीज से ग्रस्त लोग यदि कोविड संक्रमित होते हैं तो डिस्चार्ज होने के बाद ब्लड ग्लूकोज लेवल पर नजर रखें. स्टेरॉयड का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक किया जाए. ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान साफ और स्टेराइल वाटर का इस्तेमाल किया जाए. एंटीबॉयटिक और एंटी फंगल दवाओं का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से किया जाए. लोगों को सलाह दी गई है कि लक्षणों को नजरअंदाज ना करें. नाक बंद होने के सभी केस को बैक्टीरियल साइनस ना समझें खासकर कोरोना मरीजों में. जांच कराने से ना हिचकें और इसके इलाज में देर ना की जाए.