Bokaro : बोकारो में बिना फायर एनओसी लिए दर्जनों नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड समेत सम्बंधित लैब धड़ल्ले से चलते रहे हैं लेकिन अब उन्हें एनओसी लेना होगा या फिर संस्थान बंद करना होगा. चूंकि विभाग सख्त हैं.यह इसलिए शुरू किया गया है कि नए नियम क्लिनिकल एस्टब्लिस्ट एक्ट को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके.इस बाबत फायर सेफ्टी पदाधिकारी सुरेंद्र यादव ने कहा कि ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन भी एनओसी दिखाना होगा. उन्होंने कहा कि बेब चालू है आवेदक दस्तावेज, नक्शा लोड कर एनओसी के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसे भी पढ़ें-गिरिडीह">https://lagatar.in/giridih-the-death-of-dr-upendra-singh-wave-of-mourning-in-the-area/">गिरिडीह
: डॉ. उपेंद्र सिंह का निधन, इलाके में शोक की दौड़ी लहर यह आवेदन सीधे मुख्यालय जाता है. इसके बाद मुख्यालय विभाग के स्थानीय अधिकारियों को भेजकर सत्यापन करवाता है. रिपोर्ट मिलने के बाद ऑनलाइन एनओसी मिल जाता है. लेकिन जिन संचालकों ने एनओसी नहीं ली है, उनके खिलाफ कर्रवाई होगी.सिविल सर्जन डॉ. एबी राय ने बताया कि फायर एनओसी आवश्यक है, उनसे सम्बंधित लोगों को एनओसी लेना होगा.बता दें कि बोकारो में 127 निजी अस्पताल, 63 अल्ट्रासाउंड एवं जांच घर,53 पैलोलाजी हैं, जो चल रहे हैं. जिनमें से कई लोगों को एनओसी नहीं मली है. [wpse_comments_template]
बोकारो : फायर एनओसी लिये बिना चल रहे नर्सिंग होम के खिलाफ होगी कार्रवाई

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