नक्सल प्रभावित हिसिम पंचायत के गुमनजारा गांव की महिला वोटरों की व्यथा
Shekhar Shardendu
Bokaro : बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के हिसिम पहाड़ पर बसे चार गांव हिसिम, केदला, गुमनजारा व त्रियोनाला नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आते हैं. इनमें से हिसिम, केदला व त्रियोनाला में इस लोकसभा चुनाव में मतदान केंद्र तो बनाए गए थे, लेकिन गुमनजारा गांव में मतदान केंद्र नहीं होने के कारण यहां के आदिवासी वोटरों को दो किलोमीटर दूर केदला गांव के मध्य विद्यालय में बने बूथ पर वोट देने पैदल जाना पड़ा. गांव में करीब 200 वोटर हैं. शनिवार को मतदान कर चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी में अपने गांव वापस लौट रही बुधनी देवी, झुमरी देवी, द्रौपदी देवी, सानिया देवी व सूरजमनी देवी ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि “बाबू हमरो गांवे बूथ भेतलय, तो दू किलोमीटर पैदल चले नांय पड़तलय”.
इस गांव के मतदाताओं ने कई बार स्थानीय प्रशासन से लेकर सांसद, विधायक व पंचायत प्रतिनिधियों को अपना दुखड़ा सुनाते हुए गांव के स्कूल में ही बूथ बनाने गुहार लगा चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की. कसमार प्रखंड मुख्यालय से सटे तेलमुंगा के आदिवासी बहुल तिलयगजार टोला के ग्रामीणों की भी कमोबेश यही समस्या है. यहां के आदिवासियों को भी दो किलोमीटर पैदल चलकर कसमार मध्य विद्यालय के मतदान केंद्र में वोट देने आना पड़ता है.
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