डिपो से राज्य के सभी जिलों में होगी पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति
Prakash Mishra Bokaro : बोकारो जिले के राधागांव में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का ऑयल डिपो बनकर तैयार है. इसके सितंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है. इस ऑटोमेटिक ऑयल डिपो से राज्य के सभी जिलों के पेट्रोल पंपों में पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति की जाएगी. कंपनी के अधिकारी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं.ज्ञात हो कि बीते दिनों रेलवे रैक से डीजल कंपनी परिसर स्थित रेलवे साइडिंग में पहुंचा था, जिसे स्टोर कर रखा गया है. डीजल को टैंकर में डालने के लिए पाइपलाइन दुरुस्त की जा रही, इसके साथ ही जहां-जहां तकनीकी दिक्कतें हो सकती हैं, कंपनी के विशेषज्ञ उन्हें दुरुस्त करने में लगे हुए हैं.
2019 में पेट्रोलियम मंत्री ने किया शिलान्यास
राधागांव में ऑयल डिपो की आधारशिला वर्ष 2919 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रखी थी. चार महीने पहले बोकारो-मुरी मेन रेल लाइन के राधागांव रेलवे स्टेशन से कंपनी के अंदर तक रेल लाइन बिछाने का काम पूरा किया गया.25 हजार केएल है ऑयल डिपो की क्षमता
कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, ऑयल डिपो के निर्माण पर 250 करोड़ रुपए लागत आई है. डिपो की क्षमता 25 हजार केएल है. यहां पेट्रोल, डीजल के साथ इथेनॉल व केरोसिन भी स्टोर किया जाएगा. इस डिपो पूरे राज्य में पेट्रोल, डीजल, केरोसिन व इथेनॉल सप्लाई करने की तैयारी है. अधिकारियों ने बताया कि डिपो के पूरी तरह फंक्शन में आने के बाद रांची, जमशेदपुर आदि शहरों में स्थित कंपनी के छोटे ऑयल डिपो धीरे-धीरे बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद सभी जगह यहीं से सप्लाई की जाएगी.ट्रायल पूरा, अब आपूर्ति की तैयारी : परियोजना प्रबंधक
बीपीसीएल के परियोजना प्रबंधक सुबोदीप शाहा ने बताया कि ऑयल डिपो का ट्रायल पूरा हो चुका है. अब यहां से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई शुरू करने की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. यदि सब कुछ ठीकठाक रहा, तो सितंबर के दूसरे सप्ताह से यहां से पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी.जर्जर सड़क पर टैंकरों को चलने में होगी परेशानी
राधागांव और चैनपुर से बोकारो-रामगढ़ मुख्य मार्ग (एनएच 23) रेलवे फाटक तक की 6 किलोमीटर ग्रामीण सड़क काफी जर्जर स्थिति में है. ऐसे में ऑयल डिपो में तेल लेने के लिए आने वाले टैंकरों को काफी परेशानी झेलनी होगी. जर्जर सड़क को बनाने के लिए अब तक न तो राज्य सरकार ने पहल की है, न ही बीपीसीएल कंपनी ने. वैसे, कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि कुछ स्थानों पर जर्जर सड़क को दुरुस्त किया जाएगा, ताकि परेशानी कम हो. यह भी पढ़ें : गिरिडीह">https://lagatar.in/giridih-direct-collision-between-scorpio-and-ambassador-car-6-people-injured/">गिरिडीह: स्कॉर्पियो व अंबेसडर कार में सीधी टक्कर, 6 लोग घायल [wpse_comments_template]
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