Ranchi : बोकारो जिले के चास अनुमंडल अस्पताल में पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने के एवज में डॉ विकास ने पीड़ित परिवार से 75000 रुपये की रिश्वत मांगी. लगातार.इन ने इस मामले का पर्दाफाश किया है. रिश्वत मांगने के अलावा डॉ. विकास के कॉल डिटेल भी लगातार.इन ने लोगों तक पहुंचाया. बावजूद इसके डॉ. विकास अपने बेगुनाही की मीडिया के सामने दलील दे रहे हैं. फिलहाल उन्हें सिविल सर्जन की तरफ से शोकॉज किया गया है. इधर बोकारो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने मामले को गंभीरता से लिया है. बोकारो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष संजय बैद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच हो. लिखा कि यह मामला काफी गंभीर है. साथ ही अक्सर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत आती रहती है. लिहाजा अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच बहुत जरूरी है.
बोकारो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने क्या लिखा है
सीएम को लिखे पत्र में बोकारो चैंबर ने कई बातें उठाई गई हैं. इसमें लिखा है कि किसी भी अस्वाभाविक मृत्यु के बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया एक वैधानिक बाध्यता है. पोस्टमार्टम के बगैर किसी भी प्रकार का बीमा या सरकार की तरफ से घोषित सामाजिक सुरक्षा का लाभ मृतक के परिवार को नहीं मिल सकता है. मीडिया में और वायरल ऑडियो में अनुमंडल अस्पताल चास के डॉक्टर की तरफ से पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अनैतिक छेड़छाड़ के मद में 75000 रुपए की बड़ी रकम की मांग से संबंधित खबर प्रकाशित हुई है. एक निर्धन एवं असहाय के भयादोहन का इससे गंदा उदाहरण नहीं हो सकता है. 52 वर्षीय हिलारियस तिग्गा (निर्धन आदिवासी) के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के संदर्भ में ₹75000 की मांग से संबंधित समाचार, आत्मा को झकझोरने और स्तब्ध कर देने वाला है. इस संदर्भ में चर्चा है कि डॉक्टर ने मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के लिए 75000 रुपए की मांग की.
साथ ही धमकी दी कि नहीं देने पर वह वो मृत्यु का कारण अत्यधिक शराब के सेवन से लीवर का खराब होना लिख देंगे. इससे स्पष्ट है कि ऐसा लिख देने पर बीमा की राशि नहीं मिलती. एक आम परिवार के लिए यह एक बहुत बड़ी राशि थी, इसलिए मजबूरीवश उन्होंने रिश्वत स्वरूप 75000 की राशि देना स्वीकार किया. इसके बाद इस रिश्वतखोरी के रुपये की लेनदेन से संबंधित एक ऑडियो टेप सामने आया, जो कि चास अनुमंडल में चल रहे पोस्टमार्टम विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए पर्याप्त है.
पहले भी लगते रहे हैं रिश्वत लेने के आरोप
बोकारो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष संजय बैद ने मुख्यमंत्री को लिखा कि पहले भी पोस्टमार्टम के एवज में डॉक्टरों पर वसूली के आरोप लगते रहे हैं. इसलिए बोकारो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज आपसे आग्रह करता है कि चास अनुमंडल अस्पताल के इस पोस्टमार्टम रिश्वतखोरी प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाये और दोषियों पर अविलंब कड़ी कार्रवाई की जाए, जिससे लोगों का व्यवस्था पर पुनः भरोसा कायम हो सकें.
तकनीक का इस्तेमाल कर रोके जा सकते हैं ऐसे मामले
बोकारो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज आगे लिखता है कि तकनीक के युग में तकनीकी उपकरणों का प्रयोग कर पूरी प्रक्रिया को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखा जा सकता है. इससे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को भी पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा त्वरित और उचित कदम उठाया जाए.