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बोकारोः क्लर्क के पास जब्त 51 लाख पहली नजर में काला धन, आईटी की सक्रियता के बाद तबादला

  • 28 अगस्त की रात गोला पुलिस ने एक लक्जरी कार से 51 लाख रुपये जब्त किया था.
  • क्लर्क ने अपने पास से मिली नकद राशि का संबंध जमीन की खरीद-बिक्री से होने की बात कही थी.
  • क्लर्क के पास से जब्त नकद राशि के सिलसिले में सामानांतर जांच शुरू होने की वजह से कई तरह की आशंकाएं जतायी जा रही है.

Ranchi: बोकारो जिला प्रशासन ने इनकम टैक्स की सक्रियता के बाद करोड़पति क्लर्क राजेश कुमार पांडेय का तबादला कर दिया गया है. उसे जिला मिनरल फंड ट्रस्ट (DMFT) से हटा कर जिला स्थापना शाखा में पदस्थापित कर दिया गया है. इस बीच इनकम टैक्स की प्रारंभिक जांच के दौरान करोड़पति क्लर्क के पास से जब्त 51 लाख रुपये का संबंध जमीन की बिक्री से नहीं होने के संकेत मिले हैं.

 

उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त की रात गोला पुलिस ने एक लक्जरी कार से 51 लाख रुपये जब्त किया था. यह कार बोकारो के किसी सावित्री देवी की बतायी जाती है. बोकारो के करोड़पति क्लर्क ने गाड़ी से नकदी जब्त होने के बाद उसे जमीन की बिक्री से मिली रकम होने का दावा किया था. इनकम टैक्स की प्रारंभिक जांच के दौरान भी क्लर्क की ओर से इसी तरह के दावे किये गये थे. 

 

सूत्रों के अनुसार बोकारो में कार्यरत इस क्लर्क ने अपने पास से मिली नकद राशि का संबंध जमीन की खरीद-बिक्री से होने की बात कही थी. साथ ही अपनी बात को साबित करने के लिए MOU पेश किया था. इस MOU के निबंधित नहीं होने की वजह से जांच एजेंसी ने इसे संदेहास्पद माना है.

 

दावे के रूप में पेश किये गये दस्तावेज पर संदेह होने की वजह से इस क्लर्क के पास से जब्त नकद राशि को BLACK MONEY माना जा रहा है. क्योंकि जमीन की खरीद बिक्री में उतनी बड़ी राशि नकद लेने का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए कानूनी तौर पर इसे काला धन माना जा रहा है. फिलहाल आयकर विभाग क्लर्क के पास से जब्त इस काले धन के वास्तविक स्रोत का पता लगा रही है.

 

इस बीच जिला प्रशासन ने इस करोड़पति क्लर्क का तबादला कर दिया है. साथ ही मामले की प्रशासनिक जांच का आदेश दिया है. बोकारो के उपायुक्त ने उप विकास आयुक्त (DDC) को मामले की विस्तृत जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. तबादले को लेकर उपायुक्त द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि क्लर्क के पास से जब्त नकदी का मामला काफी गंभीर है. यह सरकारी कार्यालय की प्रतिष्ठा और सम्मान से जुड़ी हुई है. 

 

क्लर्क के पास से जब्त नकद राशि के सिलसिले में सामानांतर जांच शुरू होने की वजह से कई तरह की आशंकाएं जतायी जा रही है. इसमें यह कहा जा रहा है कि अलग-अलग एजेंसियों की जांच रिपोर्ट का परिणाम अलग-अलग होने पर काले धन के इस मामले से खुद को बचाने की कोशिश में क्लर्क को थोड़ी आसानी होगी. क्योंकि रिपोर्टों में विरोधाभास होने पर शुरू होने वाली कानूनी लड़ाई का रास्ता थोड़ा लंबा हो जायेगा.

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