Ranchi/Bokaro : बोकारो मे वन भूमि पर अवैध कब्जे में वन विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता प्रतीत होती है. बोकारो उपायुक्त विजया जाधव राव ने तेतुलिया जमीन प्रकरण में चल रही जांच के दौरान ही वन विभाग को पत्र लिख कर इस बात आशंका जतायी है. साथ ही इसके लिए अपनी दलील भी पेश की है.
उपायुक्त की ओर से लिखे गये पत्र में कहा गया है कि तेतुलिया मौजा की जमीन की जांच भू-राजस्व सचिव के आदेश के आलोक में 2016 में करायी जा चुकी है. जांच के समय वन विभाग के सहायक वन संरक्षक उपस्थित थे.
उन्होंने खाता संख्या 59 के प्लॉट नंबर 426,450 में शामिल जमीन के वनभूमि होने से संबंधित दस्तावेज पेश किये थे. जमीन की जांच रिपोर्ट राजस्व विभाग को समर्पित किये जाने के बाद उपायुक्त के स्तर से अपर समाहर्ता के नेतृत्व में एक दल का गठन किया गया था.
जांच दल में वन प्रमंडल पदाधिकारी, संबंधित क्षेत्र के अनुमंडल पदाधिकारी और अंचल अधिकारी को शामिल किया गया था. इस दल ने जुलाई 2016 में अपनी रिपोर्ट सौंपी.
रिपोर्ट में कहा गया था कि अतिक्रमित जमीन पर हुए निर्माण कार्य को हटा दिया गया है. जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है. इससे संबंधित रिपोर्ट राजस्व विभाग को भेजी गयी थी.
उपायुक्त कार्यालय के स्तर पर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने के बाद कई बार वन अधिकारियों से यह अनुरोध किया गया कि वे वनभूमि की घेराबंदी करे. साथ ही अपने मालिकाना हक से संबंधित बोर्ड लगायें. लेकिन वन विभाग द्वारा ऐसा नहीं किया गया.
इससे ऐसा लगता है कि वन विभाग के अधिकारियों को अपनी जमीन की सुरक्षा में कोई दिलचस्पी नहीं है. जिला प्रशासन द्वारा संबंधित वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने और उपायुक्त के स्तर से बार बार अनुरोध किये जाने के बावजूद जमीन की घेराबंदी नहीं की गयी.
इसके बाद फिर जमीन पर अतिक्रमण हुआ. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि वन विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता अतिक्रमणकारियों के साथ है.