Bokaro : राज्य के पूर्व मंत्री उमाकांत रजक ने हेमंत सोरेन सरकार पर भाषा एवं संस्कृति का अपहरण का आरोप लगाते हुए निशाने पर लिया है. प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि भाषा व संस्कृति हमारी पहचान है. इसका अपहरण कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भोजपुरी व मगही को जिलों में मान्यता देने से सबसे ज़्यादा खतरा संस्कार, संस्कृति, सभ्यता एवं व्यवहार को है. बोकारो व धनबाद की पहचान खोरठा, कुरमाली, संथाली और बंगला से है. इन भाषाओं के विलोपन से झारखंडियों का इतिहास विलोपित हो जाएगा. सवालिया लहजे में पूर्व मंत्री ने कहा कि क्या हेमंत सोरेन सरकार यही चाहती है? यदि नहीं, तो तुरंत इसे वापस लिया जाए. हेमंत सरकार ने नाकामी छुपाने को लेकर गलत नियोजन नीति तैयार की उन्होंने कहा कि भोजपुरी-मगही भाषियों के साथ कम्पीटिशन करके नौकरी लेना ही था तो झारखंड अलग करने की क्या आवश्यकता थी? हजारों लोगों ने बलि क्यों दी? हजारों बच्चों को अनाथ क्यों किया गया? झारखंड की हेमंत सरकार की इस नीति को जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. उमाकांत रजक ने कहा कि हेमंत सरकार ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए गलत नियोजन नीति तैयार की है. विगत दो साल में चुनाव के दौरान जनता से किए गए एक भी वायदे पूरे नहीं किए गए. आपके अधिकार- आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में हेमंत सरकार की नाकामी पर जनता प्रश्न पूछ रही है. इससे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भोजपुरी-मगही भाषा को जिलावार नियुक्ति में जगह दी गई. पत्रकार वार्ता में दुर्गाचरण महतो, बधन शर्मा, भोलानाथ गोप, महादेव महथा, तपन सिंह चौधरी समेत अन्य मौजूद थे. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=214568&action=edit">यह
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बोकारो : हेमंत सरकार को निशाने पर पूर्व मंत्री ने लिया

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