Bokaro : कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को चास बोकारो में गरगा नदी तट पर गर्ग-गंगा दीपोत्सव का भव्य आयोजन किया गया. सामाजिक संस्था स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान के इस आयोजन में हजारों दीप जलाए गए. गरगा नदी का संबंध द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय बोकारो के कसमार में आयोजित यज्ञ से है. कथाओं के अनुसार, यज्ञ में गर्ग ऋषि ने गंगाजल प्राप्त करने के लिए अपने तपोबल से भूगर्भ से गरगा नदी को उत्पन्न किया था.इस नदी का पौराणिक नाम गर्ग-गंगा है.
वर्तमान में पवित्र गरगा नदी बोकारो व चास की गंदी नालियों के के कारण पूरी तरह प्रदूषित हो गई है. स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान द्वारा विगत कई वर्षों से गरगा नदी के तट पर कई कार्यक्रम कर जिला प्रशासन और राज्य सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है. गर्ग-गंगा दीपोत्सव में सुरेंद्र पांडेय, शशि भूषण ओझा ‘मुकुल‘, रघुवर प्रसाद, बबलू पांडेय, ललन कुमार निषाद, मृणाल चौबे, ललित प्रसाद, अजीत भगत, सुनील सिंह, अभय कुमार गोलू, गौरी शंकर सिंह, मनीष झा, ललित कुमार, सुनील झा, सतीश सिंह, राहुल कुमार, महेश ओझा, संजय तिवारी, राजकुमार, अखिलेश सिंह, आनंद शर्मा, संजीव शर्मा, अमर मिश्रा, आयुषी कुमारी, पूजा कुमारी, ऋषभ कुमार, आकाश कुमार, मिथिलेश शर्मा आदि शरीक हुए.
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