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बोकारो : नहीं बांटा गया प्लास्टिक का चावल, जांच में सिद्ध

Bokaro :  चास प्रखंड के कोलबेंदी गांव में जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकान से राशन कार्डधारियों के बीच चावल का वितरण किया गया था. कुछ लोगों ने प्लास्टिक के चावल बांटे जाने की अफवाह फैला दी. मामले को लेकर उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने चावल के नमूने को जांच के लिए राज्य खाद्य जांच प्रयोगशाला नामकुम रांची भेजने एवं चावल आपूर्तिकर्ता फूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एफसीआइ) से स्पष्टीकरण मांगने का आदेश जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रकाश कुमार को दिया था. साथ ही  उन्होंने इस मामले की निगरानी के लिए अपर समाहर्ता  सादात अनवर को निर्देश दिया. प्राप्त निर्देश पर आपूर्ति विभाग ने चावल का नमूना संग्रह कर पिछले दिनों राज्य खाद्य जांच प्रयोगशाला नामकुम रांची भेजा था. जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि चावल प्लास्टिक का नहीं है. वह विशेष रूप से तैयार फोर्टिफाइड चावल है. जिसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, आयरन एवं अन्य विटामिन हैं. इस चावल को कई जगह पोषाहार चावल भी कहा जाता है. इस चावल का वितरण विद्यालयों में मध्याह्न भोजन में किया जाता है. उपायुक्त के निर्देश पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने किया सैंपल संग्रह अंचलाधिकारी चास ने जिला को समर्पित प्रतिवेदन में स्पष्ट किया है कि चावल खाने के बाद किसी भी राशनकार्डधारी ने किसी भी तरह की बीमारी से इंकार किया है. इस बाबत लगभग तीन दर्जन लाभुकों ने अपना बयान दर्ज कराया है. विटामिन ए, विटामिन बी-1, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड, आयरन और जिंक सभी पोषक तत्व का मिश्रण फोर्टिफाइड चावल में है. भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार इस चावल की सप्लाई होती है. आम चावल के मुकाबले फोर्टिफाइड चावल अधिक पौष्टिक होता है. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=232144&action=edit">यह

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