Bokaro : स्टील प्लांट बोकारो के प्रबंधन ने बड़ी पहल की है. बीएसएल से निकलने वाले कचरे से बायोगैस बनाने का प्लांट लगाया है. इस प्लांट को लगाने में 32 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. प्रतिदिन निकलने वाले 600 से 1000 किलो कचरे से रोजाना 40 क्यूबिक बायोगैस का उत्पादन हो रहा है. हालांकि बायोगैस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 500 किलोग्राम की है. बायोगैस का उपयोग खाना बनाने में किया जाता है. बीएसएल पुणे की कंपनी झियोंन वेस्ट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड से दो वर्षों का एग्रीमेंट किया है. प्लांट के कैंटीन से निकलने वाले कचरे का उपयोग कौतूहल बना है. प्लांट के अध्यक्ष जलज चतुर्वेदी ने कहा कि इस प्लांट की क्षमता 5 सौ किलोग्राम रोज की है. रोजाना 40 क्यूबिक निकलने वाली गैस दो एलपीजी सिलेंडर के बराबर है, जिसका उपयोग बीएसएल के कैंटीन में किया जाता है. बीएसएल के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने कहा कि प्लांट लगाने से गैस का उपयोग कम हो गया है. आगे इसके विस्तार पर विचार किया जाएगा. यह भी पढ़ें : बोकारो">https://lagatar.in/two-positive-patients-of-corona-found-again-in-bokaro/">बोकारो
में फिर मिले कोरोना के दो पॉजिटिव मरीज [wpse_comments_template]
बोकारो : 1 हजार किलो कचरे से 40 क्यूबिक मीटर बायोगैस का उत्पादन

Leave a Comment