गया से पैदल पहुंचे थे गोविंदपुर, पैर में पड़ गए थे छाले
Bokaro Tharmal / Ramchandra Kumar Anjana
भारत को ब्रिटिश राज से आजाद हुए लगभग 76 साल हो गए हैं लेकिन आज भी अंग्रेजों के जुल्मों की कहानी सुनककर रूह कांप उठती है. महात्मा गांधी के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ छेडे़ गए आंदोलन में भाग लेने वाले बेरमो प्रखंड के गोविंदपुर निवासी स्वतंत्रता सेनानी शिवचरण महतो भले ही इस दुनिया में नहीं है, किंतु उनका कृतित्व जन-जन में स्मरणीय है. शिवचरण महतो ने 16 वर्ष की अल्प आयु में ही अंग्रेजों के खिलाफ बिंगुल फूंक दिया था. शिवचरण महतो स्वतंत्रता सेनानी चुरामन महतो से मुलाकात के बाद कृष्ण बल्लभ सहाय के शिष्य बन गए थे. लोवर प्राइमरी तक पढ़ाई करने वाले शिवचरण गांव-गांव में जाकर खोरठा भाषा में गीत गाकर अंग्रेजों के खिलाफ लोगों को आंदोलित करते थे. इस दौरान वर्ष 1940 में रामगढ़ में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में भी शिवचरण महतो ने भाग लिया था. सम्मेलन में पहुंचे महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर वे अपने गांव के सहपाठी भोली महतो के साथ आजादी की लड़ाई में कूद पड़े. इसके अलावा गिरीडीह, हजारीबाग, चतरा, रामगढ़ व गया का दौरा कर अंग्रेजों के खिलाफ लोगों को तैयार करते रहते थे. बताया जाता है कि बिहार के गया में हुई मीटींग के बाद वे पैदल गोविंदपुर पहुंचे थे. इस लंबी पैदल यात्रा में उनके पैरों में छाले पड़ गए थे, जिससे वे पत्ता बांध कर आए थे.
समय के साथ बिसार दिए गए शिवचरण महतो
गोविंदपुर के ननकु महतो के घर जन्मे शिवचरण महतो चार भाईयों में सबसे बड़े थे. आजादी के बाद सरकारी उपेक्षा के कारण वे मुफलिसी में जीवन व्यतीत कर रहे थे. कुपोषण से अपने दो बेटे व एक बेटी को खो चुके शिवचरण पूरी तरह टूट चुके थे. पत्नी कोयला बेचकर घर चला रही थी. तीसरे बेटे रामटहल महतो को बचाने के लिए शिवचरण महतो को में 1.1 एकड़ जमीन 160 रूपए में बेच दिया था. इसी तंगहाली में 1974 में उनका निधन हो गया. बाद में पत्नी गंगा देवी को डीवीसी पावर प्लांट में नौकरी मिली. पत्नी गंगा देवी का निधन 2005 हो गया. शिवचरण महतो के पुत्र रामटहल महतो ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. लेकिन आज तक सरकार व प्रशासन ने उनकी कोई सुध नहीं ली. हांलाकि बेरमो प्रखंड कार्यालय स्थित स्वतंत्रता सेनानी शिलापट्ट में शिवचरण महतो का नाम अंकित है.
सांसद की पहल भी डीवीसी-सीसीएल ने कर दी अनसुनी
गोविंदपुर में स्वतंत्रता सेनानी शिवचरण महतो स्मृति भवन निर्माण के लिए सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने डीवीसी और सीसीएल को सीएसआर से स्वीकृति भी दी, लेकिन डीवीसी और सीसीएल ने अनसुनी कर दिया.
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