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बोकारो थर्मल : बीटीपीएस प्लांट से 10 दिनों तक नहीं होगा बिजली उत्पाद

368 करोड़ की लागत से बने एफजीटी यूनिट को प्लांट से जोड़ा जाएगा  Bokaro Tharmal : बोकारो थर्मल के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. बोकारो थर्मल में 368 करोड़ की लागत से एफजीटी प्लांट बनकर तैयार हो गया है. बीटीपीएस प्लांट से निकलने वाली छाई के प्रदुषण से बहुत जल्द मुक्ति मिल सकती है. एफजीटी प्लांट को डीवीसी के पावर प्लांट से कनेक्ट करने के लिए 25 जून की रात कोलकाता मुख्यालय से दस दिनों के लिए बिजली उत्पादन बंद कर दिया गया है. इस बात की पुष्टि डीवीसी बोकारो थर्मल के प्रोजेक्ट हेड एनके चौधरी ने की है. इसके अलावा प्लांट के शटडाउन के दौरान डीवीसी के नूरीनगर स्थित ऐश पौंड़ से 60 हजार एमटी छाई का भी उठाव हो जाएगा. वर्तमान में डीवीसी के दोनों ऐश पौंड़ में लबालब छाई भरा हुआ है.

       राख से होने वाले प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति

पर्यावरण के नये मापदंड को पूरा करने व प्रदूषण नियंत्रण के लिए बोकारो थर्मल में एफजीटी प्लांट का निर्माण कराया गया है. एफजीटी प्लांट कोयला से निकलने वाली सल्फर को हटाने का काम करता है. एफजीटी प्लांट चालू हो जाने के बाद क्षेत्र को सल्फर जैसे प्रदूषण के कारकों से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाऐगी. 10 दिन के शटडाउन के दौरान एफजीटी प्लांट के डक्ट से पावर प्लांट को कनेक्ट कर चलाया जाएगा. मालूम हो कि वर्ष 2019 में तत्कालीन प्रोजेक्ट हेड कमलेश कुमार के कार्यकाल में एफजीटी प्लांट का निर्माण शुरू हुआ था.

                   बोकारो थर्मल के लोगों में हर्ष व्याप्त

एफजीटी प्लांट के शुरु होने की खबर से डीवीसी कर्मियों सहित बोकारो थर्मल के सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं में हर्ष है. सामाजिक कार्यकर्ता जोगेंद्र गिरी, उप प्रमुख बिनोद कुमार साहू, मो. शाहजहां, बीके सिंह, गुलाब चंद्रा, मंजूर आलम आदि ने कहा कि बोकारो थर्मल में प्रदूषण नियंत्रक प्लांट के चालू होने से लोगों को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=680643&action=edit">यह

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