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बोकारो : विस्थापितों के हक की लड़ाई हमेशा लड़ूंगा- मिथिलेश

Bokaro :  मैं विस्थापितों के हक की लड़ाई हमेशा लड़ता रहूंगा. उक्त बातें राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने 21 फरवरी को दूरभाष पर कही. मंत्री ने कहा कि बोकारो दौरे में मेरे बयान को स्वार्थ सिद्धि के लिए कुछ लोगों ने तोड़ मरोड़कर पेश किया. मैं इससे आहत हूं. उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं उस संगठन का प्रतिनिधित्व करता हूं जो माटी और विस्थापितों की लड़ाई लड़ती है. मंत्री ने कहा कि चाईबासा के ईचाखड़कई डैम के विस्थापितों की लड़ाई मैंने लड़ी है. उनके लिए आंदोलन किया है और उसी आंदोलन का नतीजा है कि मैं आज इस मुकाम तक पहुंचा हूं. मैं खुद उस क्षेत्र से आता हूं (चाईबासा) जहां विस्थापितों के दर्द को मैंने बहुत करीब से देखा है. मैंने उनके पुनर्वास, नियोजन और जमीन के एवज में रुपये का भुगतान के लिए सड़कों पर आंदोलन किया है. विस्थापितों के लिए सड़कों पर मैंने आंदोलन किया उन्होंने कहा कि विस्थापितों को गैरकानूनी कहने का सवाल ही नहीं उठता. राज्य में जितने भी लोक उपक्रम और बड़े उद्योग-धंधे स्थापित है, वह सब खतियानी-रैयतों के जमीन के बदौलत ही संभव हो पाया है. पिछले वर्ष भी मैं बोकारो के आजाद नगर गया था और विस्थापितों की समस्याएं सुनी थी. विस्थापितों का कहना था कि बीएसएल भूमि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन कर रहा है और विस्थापितों को जो सुविधाएं कंपनी को देनी चाहिए वह नहीं मिल रही है. इसके साथ ही क्षेत्र में पेयजल की भारी किल्लत है. मंत्री ने तत्काल विस्थापितों को आश्वस्त किया था कि वह बीएसएल से एनओसी लेकर उन 19 गांवों में पेयजल सुविधा उपलब्ध कराएंगे तथा सभी गांवों में विकास कार्य कराएंगे. उन्होंने कहा कि विस्थापितों को खेमों में बांट कर उनके आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है, जिसमें साजिशकर्ता कभी सफल नहीं होंगे. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=250043&action=edit">यह

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