Jamshedpur : टिमकेन कंपनी के कर्मचारियों के खाते में गुरुवार को बोनस की राशि पहुंच गई. इस बार कर्मचारियों को 15.64 फीसदी बोनस मिलेगा. कुल 218 कर्मचारियों को इस बोनस का लाभ मिल पाएगा. न्यूनतम बोनस राशि 47,882 रुपए और अधिकतम बोनस 90,532 रुपए हुआ है. औसतन 78,181 रुपए बोनस हुआ है. दूसरी ओर, बोनस पर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है. सत्ता पक्ष ने जहां बुधवार रात बोनस समझौता होने की बात कही है, वहीं विपक्ष का कहना है कि प्रबंधन ने एक बार फिर एकतरफा बोनस राशि कर्मचारियों के खाते में भेज दी है.
रात एक बजे हुआ बोनस समझौता: सत्ता पक्ष
यूनियन की ओर से बताया गया कि बुधवार देर रात करीब 1 बजे टिमकेन प्रबंधन और टिमकेन वर्कर्स यूनियन के बीच बोनस समझौता हो गया. पिछले एक हफ्ते से देर रात तक बोनस पर लगातार चर्चा चल रही थी. समझौते के अनुसार लाभ, स्क्रैप और ग्राहक शिकायत के आधार पर 15.64 फीसदी बोनस हुआ है. पिछले वर्ष 306 करोड़ रुपए लाभ पर 18 फीसदी बोनस हुआ था, परंतु इस बार कोरोना के चलते लाभ 195 करोड़ रुपए हुआ है और बोनस 15.64 फीसदी हुआ है. प्रबंधन के सकारात्मक सहयोग के चलते कोरोना काल में भी अच्छा बोनस दिलाने में यूनियन सफल रही है. देर रात बोनस समझौते में प्रबंधन की ओर से दिनेश सिंह, एजीएम, सुमित शर्मा, डिप्टी मैनेजर और यूनियन की ओर से महामंत्री गिरवरधारी, डिप्टी प्रेसिडेंट एलपी सिंह, आरके प्रसाद, उपाध्यक्ष संजय दत्ता ने हस्ताक्षर किया.
कर्मचारियों को औसतन 20 हजार रुपए का नुकसान: विपक्ष
विपक्ष के नेता व यूनियन के पूर्व महामंत्री विजय यादव ने कहा कि वर्तमान टिमकेन यूनियन के पदाधिकारियों के कार्यकाल में कभी भी कर्मचारियों को 20 फीसदी बोनस नहीं मिला है, जबकि इससे पहले प्रबंधन और यूनियन के द्वारा सफल प्रयास से कर्मचारियों को 2003 से 2015 तक हर साल लगभग 20 फीसदी बोनस मिला था. लेकिन वर्तमान यूनियन जो बोनस के लिए बिना सोचे समझे जो फार्मूला बना रही है जिसके कारण कर्मचारियों को बोनस राशि में भारी नुकसान हो रहा है. इस साल के बोनस में भी औसतन 20,000 रुपए का नुकसान कर्मचारियों को हुआ है. कुल मिलाकर वर्तमान यूनियन के कार्यकाल में चाहे ग्रेड रिवीजन हो या वार्षिक बोनस हो या मंथली प्रोडक्शन इंसेंटिव हो, सभी जगह कर्मचारियों को वर्तमान यूनियन के पदाधिकारियों के कारण कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है. यूनियन के पदाधिकारी कर्मचारियों को बोनस फॉर्मूला के बारे में जानकारी भी नहीं देते हैं, आज जब प्रबंधन अपने से कर्मचारियों को दुर्गा पूजा ध्यान में रखकर कर्मचारियों के बैंक अकाउंट में बोनस राशि भेजती है तो कर्मचारियों को पता चलता है. बोनस को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है.
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