Khunti : तोरपा के पूर्व विधायक पौलुस सुरीन ने कहा है कि खूंटी के दो भाई नीलकंठ सिंह मुंडा और कालीचरण मुंडा दोनों ने खूंटी की जनता की आंखों में धुल झोंकने का काम करते रहे हैं. एक भाई (नीलकंठ) भाजपा में और दूसरा भाई (कालीचरण) कांग्रेस में है. इन दोनों से खूंटी की जनता का भला होने वाला नहीं है. कांग्रेस को नए लोगों को टिकट देनी चाहिए. दयामनी बारला को अगर कांग्रेस टिकट देती है तो उसके लिए हमलोगों का समर्थन रहेगा. अगर किसी अन्य को टिकट देती है तो हमलोग अपना कैंडिटेड कांग्रेस के खिलाफ देंगे. उन्होंने आगे कहा कि खूंटी लोकसभा सीट से पिछले नौ चुनाव में आठ बार भाजपा जीती है. मात्र एक बार 2004 में कांग्रेस की एक महिला उम्मीदवार ने भाजपा के अभेद दुर्ग को भेदने का काम किया था. इस बार भी कुछ इसी तरह की परिस्थिति है. 2019 के चुनाव में अर्जुन मुंडा को जीत मिली. केंद्र में मंत्री भी बने, लेकिन आज भी खूंटी के आदिवासी बदहाल हैं. खूंटी के आदिवासियों और क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस को इस बार दयामनी बारला को टिकट देना चाहिए.
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