- 16000 टन चोरी का कोयला बेचने का यह मामला वर्ष 2022 की है.
- रूद्रा ट्रेडर्स नामक कंपनी ने सीसीएल से 200 टन कोयला खरीदा.
- ऑर्डर लक्ष्य कोल एंड ट्रांसपोर्टिंग प्राईवेट लिमिटेड कंपनी ने बेच दिया 16000 टन कोयला.
Ranchi : झारखंड में अवैध कोयला कारोबार के तरीके कई सारे हैं. नजर के सामने होने वाली कोयले की चोरी अक्सर मीडिया में आ जाती हैं. लेकिन कुछ चोरियां ऐसी हैं, जिनमें एक झटके में हजारों टन अवैध कोयला बेच दिया जाता है. इस तरह के कोयले को एक जगह से दूसरी जगह भेजने के लिए रेल रैक का इस्तेमाल किया जाता है. चोरी के इस तरीके की कानोकान खबर नहीं होती. ऐसा ही एक मामला इन दिनों चर्चा में है.
उपलब्ध दस्तावेज के मुताबिक, करीब 16000 टन कोयला चोरी का यह मामला वर्ष 2022 का है. रूद्रा ट्रेडर्स नामक कंपनी ने सीसीएल से 200 टन कोयला खरीदा. यह कंपनी के कथहरा की है. रुद्रा ट्रेडर्स का कस्टमर कोड - 2......329 है. सीसीएल ने इस कंपनी को 200 टन कोयला बेचा. सीसीएल द्वारा जारी सेल ऑर्डर नंबर 3345015246 की वैधता 3 मई 2022 से 7 जुलाई 2022 तक के लिए था. यह सेल ऑर्डर 13 अप्रैल 2022 को जारी किया गया.
सीसीएल द्वारा जारी एक और सेल ऑर्डर lagatar Media के पास उपलब्ध है. यह सेल ऑर्डर लक्ष्य कोल एंड ट्रांसपोर्टिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से जारी हुआ है. यह कंपनी रामगढ़ के सारुबेड़ा की है. इस कंपनी का कस्टमर कोड - 2......329 है. सेल ऑर्डर के मुताबिक, सीसीएल ने इस कंपनी को 16000 टन कोयला बेचा. सेल आर्डर का नंबर 3345015246 है. यह सेल ऑर्डर भी 13 अप्रैल 2022 को ही जारी किया गया है.
ऊपर के दोनों तथ्य से कई बातें स्पष्ट साफ हो जाती हैं, पहली रूद्रा ट्रेडर्स और लक्ष्य कोल ट्रांसपोर्टिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, दोनों का कस्टमर कोड एक ही है. दूसरी बात यह कि सीसीएल ने दोनों कंपनियों (रूद्रा ट्रेडर्स और लक्ष्य कोल एंड ट्रांसपोर्टिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी) को एक ही सेल ऑर्डर नंबर 3345015246 से 200 और 16000 टन कोयला बेचा. यह संभव नहीं है.
इसके अलावा 200 और 16000 टन के लिए जारी सेल्स ऑर्डर में कई समानताएं हैं. जैसे की दोनों के लिए ट्रांसपोर्ट मोड रोड है. दोनों का Line Item नंबर 10 है. दोनों का MSN कोड 27011200 है. हां, 16000 टन के सेल्स ऑर्डर में सीसीएल के अनुपम कुमार नामक अधिकारी का हस्ताक्षर व मुहर है. यह हस्ताक्षर व मुहर फर्जी है या सही है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.
इसी तरह एक अन्य मुहर के मुताबिक, 16000 टन कोयला चरही साइडिंग से लोड होना है. यानी कोयला रैक पर लोड करके भेजा गया. 16000 टन कोयला चार रैक होता है. दोनों सेल्स ऑर्डर में एक और समानता है, वह यह कि दोनों कोयला स्पॉट ऑक्शन की है. ऑक्शन की तारीख दोनों में 15 मार्च 2022 अंकित है, जबकि कांट्रेक्ट साइन करने की तारीख दोनों में 9 अप्रैल 2022 है.
इस पूरे मामले में चार बड़े सवाल हैं. क्या इतने बड़े पैमाने पर हुए अवैध कोराबार को लेकर सीसीएल अनभिज्ञ रहा. क्या रेलवे को इसके बारे में कोई भनक नहीं लगी. क्या जीएसटी विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया. और सबसे बड़ा सवाल- आखिर 15800 टन अतिरिक्त कोयला आया कहां से.
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