LagatarDesk : बिहार में बीपीएससी विवाद एक बार फिर तूल पकड़ रहा है. 70वीं बीपीएससी संयुक्त पीटी परीक्षा को रद्द कर दोबारा परीक्षा लेने की मांग को लेकर छात्र सड़क पर उतर आये हैं. मशहूर शिक्षक खान सर भी छात्रों के समर्थन में सड़क पर हैं. हजारों की संख्या में छात्र खान सर के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए गर्दनीबाग धरनास्थल की तरफ बढ़ रहे हैं.
"न धर्मोऽस्त्यधर्मेण सतां धर्मो न च क्षयः।
अधर्मो धर्मरूपेण यदा वेष्टयते प्रजाः॥"
(जब अधर्म, धर्म का रूप धारण कर जनता को छलता है, तब सत्य और न्याय के लिए संगठित होना ही सच्चा धर्म है।)#BPSCReExamForAll #SaveBPSC_PatnaHC #GardnibaghChalo@ANI @aajtak @BBCHindi @News18Bihar… pic.twitter.com/uSBNwyQSH5— शिक्षा सत्याग्रह (@Shikshasatygrah) February 17, 2025
री-एग्जाम से सरकार को होगा सबसे ज्यादा फायदा
खान सर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुनः परीक्षा से सबसे ज्यादा फायदा सरकार को होगा. री-एग्जाम की मांग गलत नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि बीपीएससी परीक्षा में धांधली हुई है. खार सर ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के लिए सभी मीडिया वालों को धन्यवाद दिया.2025 चुनावी साल है आपको लगता है परीक्षार्थियों का गुस्सा कम होगा वाले सवाल पर कहा कि री-एग्जाम होने पर सरकार को यह झेलना नहीं पड़ेगा.
VIDEO | Faisal Khan, popularly known as Khan Sir leads a protest in support of BPSC students in Patna, Bihar. Here's what he said:
"Government will benefit the most from re-exam. The demand for re-exam is not wrong."
(Full video available on PTI Videos-… pic.twitter.com/W8zkwyC8Dm
— Press Trust of India (@PTI_News) February 17, 2025
आयोग ने 13 दिसंबर को 70 वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा ली थी
बिहार लोक सेवा आयोग ने 13 दिसंबर को 70 वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा ली थी. 950 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा हुई. जिसमें 4 लाख 83 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे. पटना के बापू परीक्षा परिसर में 12000 अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे थे, लेकिन वहां हंगामा हो गया था. इसके बाद बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर की परीक्षा रद्द कर दी. बीपीएससी ने घोषणा की कि केवल 12000 अभ्यर्थियों की परीक्षा 4 जनवरी को ली जायेगी.
खान सर का दावा-उनके पास हैं कई अहम सबूत
खान सर ने 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया था कि उनके पास ऐसे सबूत हैं, जिससे हाई कोर्ट में छात्रों की जीत सुनिश्चित है, और कोर्ट को री-एग्जाम का आदेश देना होगा. जो पटना हाई कोर्ट को री-एग्जाम कराने के लिए मजबूर कर देंगे. खान सर के अनुसार, 13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा के लिए तीन सेट प्रश्न पत्र बनाये गये थे. एक सेट का इस्तेमाल किया गया, जबकि शेष सेटों को ट्रेजरी में जमा किया जाना था. लेकिन नवादा और गया की ट्रेजरी में ये प्रश्न पत्र जमा नहीं किये गये. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा था कि कि बापू परीक्षा केंद्र पर 4 जनवरी को जो परीक्षा दोबारा ली गयी, उसके लिए नये प्रश्न पत्र तैयार नहीं किये गये. बल्कि, पुराने प्रश्न पत्र को ही इस्तेमाल किया गया, जो नवादा और गया ट्रेजरी में जमा नहीं किये गये थे.
सभी परीक्षा केंद्रों पर हुई परीक्षा रद्द करने की मांग
इस घोषणा के बाद बीपीएससी अभ्यर्थी सभी परीक्षा केंद्रों पर हुए परीक्षा को रद्द करने की मांग करने लगे. वे री एग्जाम लेने की मांग को लेकर 18 दिसंबर से पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर धरना पर बैठे थे. वहीं 26 दिसंबर को छात्र बीपीएससी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे. जहां पुलिस ने लाठीचार्ज कर सभी को खदेड़ा था. इतना ही नहीं पुलिस ने अभ्यर्थियों को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. पुलिस ने महिला अभ्यर्थियों को भी नहीं बख्शा और उनपर भी जमकर लाठियां बरसायी. पुलिस की लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थी बुरी तरह से घायल हो गये थे. बाद में इस धरने में पप्पू यादव और प्रशांत किशोर में कूद गये थे और यह राजीतिक मुद्दा बन गया. लेकिन बीपीएससी ने दोबारा परीक्षा लेने से सीधे तौर पर इनकार कर दिया. इस परीक्षा का रिजल्ट भी जारी किया जा चुका है. जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में याचिका दायर की गयी. फिलहाल इस मामले की सुनवाई पटना हाई कोर्ट में चल रही है. इसके बावजूद छात्र संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.