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कांग्रेस की समीक्षा बैठक में हार पर मंथन, बिहार चुनाव असली जनमत नहीं, पूरी तरह मैनेज चुनावी नतीजा था

New Delhi : बिहार चुनाव असली जनमत नहीं था, बल्कि यह पूरी तरह से मैनेज और मनमाफिक तैयार किया गया चुनावी नतीजा था. कांग्रेस का यही मानना है. दरअसल कल गुरुवार को कांग्रेस के आला नेताओं ने बिहार के नेताओं के साथ समीक्षा बैठक की. लगभग  4 घंटे तक चली बैठक का लब्बोलुआब यह रहा कि साजिश के तहत कांग्रेस को हराया गया.

 

 

समीक्षा बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल सहित कांग्रेस के उम्मीदवार शामिल हुए.कांग्रेस के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने एक्सग पर पोस्टण कर यह जानकारी दी.  उन्होंने कहा कि बिहार के नेताओं ने बताया कि SIR लागू कर चुनिंदा वोटरों के नाम काट दिये गये. संदिग्ध वोटरों के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े गये.  

 

इसके अलावा MMRY योजना के नाम पर खुलेआम पैसे बांटे गये और वोटरों को लुभाया गया. कहा कि कई सीटों पर एक जैसे अंतर से नतीजे आये. इस पैटर्न को कोई भी स्वतंत्र चुनाव आयोग नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता था. हालांकि वेणुगोपाल का बयान एक तरफ,  बिहार में चुनावी हार के बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की रणनीति पर गंभीर प्रश्न भी खड़े किये.

 

उनके अनुसार पार्टी(कांग्रेस) ने चुनाव के दौरान महंगाई, रोजगार, पलायन और भ्रष्टाचार आदि असली स्थानीय मुद्दों को नजरअंदाज किया और सारा ध्यान SIR और वोट चोरी पर लगा दिया. इस कारण मतदाताओं तक सही संदेश नहीं गया.

 

कई नेताओं ने हार का कारण चुनाव के दौरान सरकार द्वारा महिलाओं को 10,000 रुपये की आर्थिक मदद,  बूथ स्तर पर लगातार की गयी गड़बड़ियां और गठबंधन दलों में आपसी तालमेल का नहीं होना बताया. कई नेता AIMIM पर बरसे.  उनके अनुसार सीमांचल सहित अन्य इलाकों में अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे के कारण हार हुई   

 

कुछ नेताओं ने कहा, टिकट बंटवारे ने भी पार्टी को नुकसान पहुंचाया.  पार्टी के एक गुट ने राजद से गठबंधन पर भी सवाल खड़ा किया. कांग्रेस-राजद गठबंधन तोड़ने की मांग की.  

 

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