अदालत को दिये आवेदन में कहा-घुट घुट कर नहीं चाहते जीना
Dhanbad : पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के मामले में विगत छह वर्षों से जेल में बंद संजीव सिंह ने अपनी बीमारी से तंग आकर आखिरकार संसार छोड़ने का मन बना लिया है. मंगलवार जुलाई को 25 जुलाई को उन्होंने अपने अधिवक्ता के जरिये अदालत में आवेदन दाखिल कर इच्छामृत्यु देने की गुहार लगाई है. इसके पहले उनके परिजन किसी निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति के लिए अदालत से लगातार प्रार्थना कर रहे हैं.
मां व पत्नी हैं चिंतित, कोर्ट पर जताया था भरोसा
एसएनएमएमसीएच में इलाज से उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, बल्कि स्थिति बिगड़ गई. उन्हें कई तरह की परेशानी है. भोजन भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं, कुछ खाते भी हैं तो उल्टी हो जाती है. संजीव सिंह की पत्नी भाजपा नेत्री रागिनी सिंह अस्पताल प्रबंधन व अदालत से पति को इलाज के लिए किसी निजी अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार लगा चुकी हैं. संजीव की माता पूर्व विधायक कुंती सिंह पिछले दिन अस्पताल में पुत्र की दशा देख कर रो पड़ीं. उन्होंने कहा कि अब न्यायालय पर ही भरोसा है.
अदालत आवेदन पर कर रही सुनवाई
25 जुलाई को आवेदन में संजीव के अधिवक्ता मो जावेद ने कहा है कि बेहतर इलाज उनका संवैधानिक अधिकार था. परंतु उन्हें यह सुविधा नहीं दी जा रही है. वह 14 दिन से इस एसएनएमएमसीएच में जिंदगी व मौत से लड़ रहे हैं. लिहाजा वह घुट घुट कर जीना नहीं चाहते. उन्हें इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दी जाए. समाचार लिखे जाने तक आवेदन पर सुनवाई चल रही थी.
रिम्स में इलाज नहीं कराना चाहते संजीव सिंह
बताते हैं कि इसके पहले सोमवार 24 जुलाई को संजीव के बेहतर इलाज के लिए सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल भेजे जाने के आवेदन पर अदालत में सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने संजीव सिंह की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट सौंपी थी. अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा है. इसके पूर्व 22 जुलाई को अदालत में एसएनएमसीएच एवं मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी धनबाद के कार्यालय की ओर से रिपोर्ट अदालत में पेश की गई थी. एसएनएमएमसीएच ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि संजीव सिंह को बेहतर इलाज के लिए रिम्स रांची भेजे जाने की अनुशंसा की गई थी. मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी की रिपोर्ट में बताया गया था कि संजीव सिंह का इलाज धनबाद के एशियन जालान व अशर्फी अस्पताल में उपलब्ध है.
अधिवक्ता ने जताई थी अप्रिय घटना की आशंका
संजीव सिंह के अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने कहा था कि उनकी हालत बिगड़ती जा रही है, यदि समय पर ठीक ढंग से इलाज की सुविधा नहीं मिली तो किसी अप्रिय घटना से इनकार नहीं किया जा सकता. संजीव सिंह का कई दिनों से यूरिन डिस्चार्ज नहीं हो रहा है. उनका बीपी बढ़ा हुआ है. उनकी मानसिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है. वह सभी बात भूल जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें अविलंब उनके खर्च पर ही सही सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में भेजा जाना चाहिए.