Chaibasa : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी बुधवार को चाईबासा सिविल कोर्ट स्थित एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में उपस्थित हुए. उन्होंने सुप्रिया रानी तिग्गा की कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. कोर्ट ने राहुल गांधी को ट्रायल में सहयोग करने की शर्त पर जमानत दी है. राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा और दीपांकर रॉय ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा.
शाह को कथित तौर पर हत्यारा और झूठा कहा था
यह विवाद 28 मार्च 2018 को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के प्लेनरी सेशन में दिए गए राहुल गांधी के उस भाषण से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने भाजपा नेताओं को कथित तौर पर “हत्यारा” और “झूठा” कहकर संबोधित किया था. इस बयान पर आपत्ति जताते हुए भाजपा नेता प्रताप कुमार कटियार ने 9 जुलाई 2018 को चाईबासा के सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. बुधवार को प्रताप कटियार भी भाजपा नेताओं के साथ चाईबासा कोर्ट पहुंचे थे.
हवाई मार्ग से चाईबासा पहुंचे राहुल गांधी
बता दें कि राहुल गांधी के चाईबासा आगमन को लेकर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. राहुल गांधी हेलीकॉप्टर से रांची से चाईबासा पहुंचे. इसे लेकर चाईबासा के टाटा कॉलेज मैदान में हैलीपेड बनाया गया था.
जबकि स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय, विधायक अनुप सिंह, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर सड़क मार्ग से रांची से बंदगांव, चक्रधरपुर होते हुए बुधवार सुबह लगभग साढ़े दस बजे तक चाईबासा पहुंचे.
राहुल गांधी बुधवार सुबह 10 बजकर 57 मिनट पर कोर्ट में दाखिल हुए. हालांकि मंत्री इरफान अंसारी, मंत्री दीपिका पांडेय व अन्य को कोर्ट के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया. इस मौके पर विधायक सोना राम सिंकू व अन्य भी मौजूद थे.
राहुल गांधी को पहले 26 जून को होना था हाजिर
बता दें कि भाजपा नेता प्रताप कुमार कटियार की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई चाईबासा कोर्ट में हुई थी. इसके बाद फरवरी 2020 में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर मामला रांची के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित हुआ. इसके बाद फिर से हाईकोर्ट के निर्देश पर यह केस चाईबासा की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में भेजा गया.
कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद राहुल गांधी को समन भेजा गया, लेकिन वे पेश नहीं हुए. अनुपस्थिति के चलते अदालत ने पहले जमानती और फिर गैर-जमानती वारंट जारी किया, फिर भी वे अनुपस्थित रहे.
चाईबासा कोर्ट द्वारा जारी वांरट के खिलाफ राहुल गांधी ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन 20 मार्च 2024 को इसे निस्तारित कर दिया गया. इसके बाद राहुल ने सीआरपीसी की धारा 205 के तहत पेशी से छूट की अर्जी दी, जिसे चाईबासा कोर्ट ने खारिज कर दिया.
चाईबासा कोर्ट के आदेश के विरुद्ध राहुल गांधी ने झारखंड हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर की, लेकिन 10 मार्च 2025 को खुद ही यह याचिका वापस ले ली, यह कहते हुए कि अब वह क्रिमिनल मिसलेनियस पिटीशन दायर करेंगे.
इस बीच हाईकोर्ट द्वारा 25 अप्रैल 2024 को दिया गया स्टे आदेश भी समाप्त हो गया. इसके बाद 22 मई 2025 को चाईबासा कोर्ट ने एक बार फिर राहुल गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया.
इसके बाद राहुल गांधी ने 2 जून को विशेष अदालत के समन आदेश को चुनौती देते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने उन्हें 26 जून को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था. लेकिन उनके अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि राहुल गांधी निर्धारित तिथि को उपस्थित नहीं हो सकेंगे. इसके बाद वे बुधवार को न्यायालय में पेश हुए.
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