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पलामू सेंट्रल जेल में रिश्वत का खेल, बंदियों के लिए भेजे गये पैसे से काट ली जाती 10% राशि

 

Palamu :   पलामू सेंट्रल जेल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जेल में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों पर कैदियों के परिजनों से अवैध वसूली करने का गंभीर आरोप लगा है. आरोप है कि जेल में बंद कैदियों के लिए भेजे जा रहे पैसों में से 10 प्रतिशत राशि रिश्वत के तौर पर काट ली जाती है. इससे संबंधित एक वीडियो सामने आया है, जिसमें जेल के मुख्य गेट पर तैनात एक पुलिसकर्मी अनुज लकड़ा खुद यह बात कहते नजर आ रहे हैं. वीडियो में पुलिसकर्मी बंदी के परिजन से पैसे लेते हुए कह रहा है कि 500 दीजिएगा तो 50 कटेगा, 100 दीजिएगा तो 10 कटेगा. जब परिजन ने उससे पूछा गया कि पैसे की कटौती क्यों की जा रही है, तो वह कह रहा है कि हवलदार प्रदीप भगत के निर्देश पर यह वसूली की जा रही है और पैसा उसी के पास जमा होता है.

 

परिजन जेल में बंद बंदियों की जरूरत के लिए भेजते हैं पैसे

फिलहाल पलामू सेंट्रल जेल में 1013 कैदी बंद हैं और सामान्यतः यहां एक हजार से अधिक कैदी रहते हैं. बंदियों के परिवार वाले समय-समय पर उनकी जरूरतों के लिए जेल में पैसा भेजते हैं,  जिनमें कैंटीन से सामान खरीदना, टेलीफोन बूथ से बात करना और वकील की फीस जैसे खर्च शामिल होते हैं. लेकिन जेल के मुख्य गेट पर तैनात पुलिसकर्मी परिजनों से पैसे लेकर कुछ हिस्सा रख लेते हैं और बाकी बचे पैसे उनको दे देते हैं, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है. इस तरह की अवैध वसूली न सिर्फ मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि जेल प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है. अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार और कारा विभाग इस मामले की जांच करेगा. क्या जेल में तैनात हवलदार प्रदीप भगत, पुलिसकर्मी अनुज लकड़ा सहित अन्य लोगों पर कार्रवाई होगी. या फिर जेल में रिश्वतखोरी का यह खेल चलता रहेगा. 

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