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बजट सत्र : अब रात में भी महिलाएं फैक्ट्री में कर सकेंगी काम, सदन में कारखाना संशोधन और झारखंड माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक पेश

Ranchi :   झारखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के 18वें दिन सदन में दो विधेयक कारखाना (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2025 और झारखंड माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया गया. कारखाना (झारखंड संशोधन) विधेयक के तहत, झारखंड में किसी कारखाना प्रतिष्ठान में कार्यरत महिला श्रमिकों को उनकी सहमति से शाम सात बजे से प्रातः छह बजे तक काम पर रखा जा सकेगा. बशर्ते कि सुरक्षा, अवकाश और कार्य घंटों से संबंधित सभी आवश्यक शर्तें लागू होंगी या अन्य शर्तें जो नियोक्ता द्वारा पालन की जायेंगी, जैसा कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जायेगा.

क्या है इसका उद्देश्य

कारखाना (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2025 का मुख्य उद्देश्य राज्य में रोजगार के अवसरों और औद्योगिकीकरण की गति को तेज करना है. इस विधेयक के अंतर्गत, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 66 की उपधारा (1) के खंड (b) में संशोधन कर रात्रि पाली में महिला कामगारों को काम करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है. इस संशोधन से झारखंड में रोजगार और औद्योगिकीकरण में तेजी आयेगी और कारखाना प्रबंधकों को अपने उत्पादन लक्ष्यों का निर्धारिण कर इसे तय समय पर पूरा करने में सहूलियत होगी. इसके साथ ही, यह संशोधन महिला और पुरुष कामगारों को समान अवसर प्रदान करने में भी सहायक होगा.

झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025

भारत सरकार द्वारा माल एवं सेवा कर में किये गये संशोधनों के अनुसार, राज्यों को भी अपनी नियमावली में संशोधन करना आवश्यक है. इसी कड़ी में झारखंड सरकार ने भी इसमें संशोधन किया है. मंगलवार को यह विधेयक सदन में पेश किया गया. केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 में किये गये संशोधनों को राज्य में लागू करने के लिए झारखंड माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की विभिन्न धाराओं में संशोधन किया गया है. इनमें धारा 2, 9, 10, 13, 16, 17, 21, 30, 31, 35, 39, 49, 50, 51, 54, 61, 62, 63, 64, 65, 66, 70, 73, 74, 75, 104, 107, 109, 112, 122, 127, 140, 171 शामिल हैं. इसके अलावा, धारा-11क, 74क, 122, 128क का अंतः स्थापन, धारा-20 का प्रतिस्थापन और अनुसूची-III में कुछ संशोधन भी किये गये हैं. ताकि उक्त अधिनियम की धाराओं में सामने आयी व्यावहारिक कठिनाइयों और प्रशासनिक उद्देश्यों को पूरा किया जा सके.

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