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बजट सत्रः प्राइवेट स्कूलों में रि-एडमिशन के नाम पर पैसे लेने व विसंगतियों पर बने कानूनः स्पीकर

Ranchi: झारखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के 18 वें दिन निजी स्कूलों की मनमानी का मुद्दा उठा. विधायक प्रदीप प्रसाद ने निजी स्कूलों की मनमानी का मुद्दा उठाया. इसपर विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि हर साल निजी स्कूलों में रि-एडमिशन के नाम पर 20 से 25 हजार रुपए की वसूली की जाती है. प्रदीप प्रसाद ने कहा कि इस पर कानून बनना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल ने कहा कि इसके लिए हर जिले में डीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है. सभी डीसी से यह पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने कितनी बैठकें की. हर महीने बैठक सुनिश्चित कराएं. इस पर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि हर स्कूल में विद्यालय प्रबंध समिति होती है. जिसमें अभिभावक, प्रिंसिपल और शिक्षक भी होते हैं. अगर यह समिति गड़बड़ी करती है तो डीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनी हुई है. जिसमें सांसद और विधायकभी शामिल हैं. गड़बड़ी पाए जाने पर 50 रूपए से 2.50 लाख रुपए तक दंड का प्रावधान है. इसके बाद भी गड़बड़ी पाई जाती है तो स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाती है. इसे भी पढ़ें - देश">https://lagatar.in/rs-78213-crore-is-unclaimed-in-the-countrys-private-and-public-sector-banks-do-you-have-it/">देश

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शिक्षा मंत्री ने ये भी दिया जवाब

झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 के उक्त प्रावधानों के विरुद्ध सी.बी.एस.ई. बोर्ड से मान्यता प्राप्त 37 निजी विद्यालयों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, झारखंड, रांची में डब्ल्यू.पी. (सि.) सं. 2025/2019, डी.बी.एम.एस. कदमा हाई स्कूल बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य समरूप 36 वाद दायर किये गये थे, जिसमें माननीय हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा दिनांक 14.03.2024 को पारित आदेश में उन्हें वापस लिए जाने के आधार पर खारिज किया जा चुका है. इसपर स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि प्राइवेट स्कूल की विसंगतियों के लिए कानून बनना चाहिएष बच्चे पढ़ सकें शोषित न हों.

जयराम महतो ने निजी कंपनियों में 75 फीसदी आरक्षण का उठाया मुद्दा

जयराम महतो ने निजी कंपनियों में 75 फीसदी आरक्षण का मुद्दा उठाया. निजी कंपनियों में दो लाख गैर झारखंडी हैं. जबकि 53 हजार ही झारखंड कार्यरत हैं. जयराम ने पूछा कि आउटसोर्सिंग कंपनी क्या निजी कंपनी के दायरे में आती है. इसपर नवीन जायसवाल ने भी पूछा कि आउटसोर्सिंग कंपनी को निजी कंपनी मानते हैं या नहीं. ऐसी क्या पॉलिसी बनाएंगे कि झारखंड के नौजवानों को निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण मिल सके.

रातों-रात कानून लागू नहीं हो सकताः सुदिव्य

मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा कि कानून रातों रात लागू नहीं हो सकता. हाईकोर्ट के आदेश से पहले कंपनियां आरक्षण का पालन कर रही थीं. आउटसोर्सिंग निजी कंपनी ही है. मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनी निजी कंपनी ही मानी जाती है. पदाधिकारी अगर गलत रिर्पोट दिए हों तो कार्रवाई की जाएगी.

श्रम मंत्री ने क्या कहा

श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021" का गठन करते हुए दिनांक-04 जनवरी, 2022 को झारखंड गजट में प्रकाशित किया गया है. अधिनियम के कंडिका-4 (1) के अनुसार अधिनियम के प्रारंभ के बाद प्रत्येक नियोक्ता रू-40,000/- (चालीस हजार) से अनधिक या सरकार द्वारा समय समय पर यथा अधिसूचित अधिसीमा तक सकल मासिक वेतन या मजदूरी वाले ऐसे पदों, जो अधिसूचित होने की तिथि को रिक्त हों एवं उसके उपरांत उत्पन्न कुल रिक्ति का 75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित करेगा. उपर्युक्त नियोजन अधिनियम, 2021 एवं नियमावली, 2022 का अनुपालन किया जा रहा है. विभाग द्वारा अधिनियम/नियमावली के कार्यान्वयन के लिए एक पोर्टल (www.jharniyojan.jharkhand.gov.in)">http://www.jharniyojan.jharkhand.gov.in">www.jharniyojan.jharkhand.gov.in)

स्थापित है. जिस पर दिनांक-28.02.2025 तक 7,470 प्रतिष्ठान निबंधित है. वर्तमान में माननीय हाईकोर्ट, झारखंड रांची में दायर वाद संख्या-WPC-5688/2024 दिनांक-11.12.2024 को पारित आदेश के आलोक में इसके अनुपालन पर अंतरिम रोक लगाई गई है. इस वाद की अगली सुनवाई की तिथि 26.03.2025 है. झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवार का नियोजन अधिनियम, 2021" का गठन के बाद" झारखंड के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन नियमावली, 2022 दिनांक-12 सितम्बर, 2022 के प्रभाव से राज्य में प्रभावी है. वर्तमान में हाईकोर्ट में दायर वाद संख्या-WPC-5688/2024 दिनांक-11.12.2024 को पारित आदेश के आलोक में इसके अनुपालन पर अंतरिम रोक लगाई गई है. इस वाद की अगली सुनवाई की तिथि 26.03 2025 है. इसे भी पढ़ें - झारखंड">https://lagatar.in/at-present-the-number-of-sitting-judges-in-the-high-court-is-16-while-the-number-of-vacancies-is-9/">झारखंड

हाईकोर्ट में अभी सीटिंग जजों की संख्या 16, रिक्त पदों की संख्या 9

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