Adityapur (Sanjeev Mehta) : गम्हरिया प्रखंड के बुरुडीह में डिग्री कॉलेज प्रस्तावित है. डिग्री कॉलेज खोलने को लेकर वहां के ग्रामीण दो पक्ष में बंटे हुए हैं. एक पक्ष कॉलेज खोलने तो दूसरा पक्ष इसके विरोध में है. इसके लिए रविवार को ग्राम सभा बुलाई गई थी. इसमें दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए और जमकर बवाल किया. बता दें कि झारखंड गठन के 23 साल बाद मुख्यमंत्री बनते ही चंपाई सोरेन ने क्षेत्र के युवाओं को डिग्री कॉलेज की सौगात दी है, मगर यहां के कुछ ग्रामीण इसके विरोध में उतर गए हैं. बता दें कि बुरुडीह पंचायत में प्रस्तावित डिग्री कॉलेज के लिए सरकार ने अनाबाद झारखंड सरकार की करीब 15.20 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने की स्वीकृति दी है. पहले चरण में करीब 5 एकड़ जमीन का सीमांकन कार्य शुरू हुआ है. लेकिन कुछ ग्रामीणों ने इसके विरोध में मोर्चा खोल दिया है.
इसे भी पढ़ें : जामिद गांव में तालाब से 30 एकड़ खेतों में होगी सिंचाई : सुखराम
हम जमीन नहीं दे सकते : विरोधी
विरोध कर रहे पक्ष के ग्रामीणों ने बताया कि बगैर ग्राम सभा की सहमति के हम जमीन नहीं दे सकते. जो ग्राम सभा बुलाई गई है वह फर्जी है. इसमें पारंपरिक माझी बाबा अनुपस्थित हैं. इस जमीन पर विवाद है, वह आदिवासी लैंड है. ग्राम सभा वहां होनी चाहिए थी, मगर सरकार उनको बेदखल करना चाहती है. इसी बात को लेकर ग्राम सभा में दोनों पक्ष के ग्रामीण आपस में उलझ गए. हालात इतने बिगड़े की दोनों तरफ से हाथापाई शुरू हो गई.
इसे भी पढें : दंदासाई में डे-नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट में मून स्टार बना विजेता
जमीन झारखंड सरकार की है : अंचलाधिकारी
इस विषय में गम्हरिया अंचलाधिकारी (सीओ) कमल किशोर ने बताया कि जितने भी भूखंड हैं, वह अनाबाद झारखंड सरकार की भूमि है. एक इंच जमीन भी मूल रैयतों की नहीं ली जा रही है. जो विरोध कर रहे हैं उनकी मांग उचित नहीं है. बावजूद इसके उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि किसी का भी मकान टूटने नहीं दिया जाएगा. हालांकि हंगामे के बीच कांड्रा थाना प्रभारी, सीओ, मुखिया, और ग्राम प्रधान की मौजूदगी में ग्राम सभा संपन्न कराई गई. सभी से रजिस्टर में हस्ताक्षर लिए गए हैं.
इसे भी पढ़ें : विधायक सरयू राय ने जेम्को आजाद बस्ती का किया दौरा
wpse_comments_template