के आखिरी में सेबी के पास एलआईसी जमा करेगी डॉक्यूमेंट, मार्च तक आईपीओ आने की उम्मीद
पिछले सीजन में करीब तीन लाख करोड़ का हुआ था कारोबार
कंफेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने बताया कि गत वर्ष 2021 में 14 नवंबर से 13 दिसंबर से तक एक महीने में देश भर में शादियों का पहला चरण गुजरा जिसमें देश भर में लगभग 25 लाख शादियों के जरिये लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ. इससे बेहद उत्साहित होकर देश भर के व्यापारियों ने आगामी 14 जनवरी संक्रांति के दिन से शादियों के दूसरे चरण के दौरान व्यापार की बड़ी संभावनाओं को देखते हुए व्यापक स्तर पर तैयारियां की हुई थीं. देश भर में दूसरे चरण के शादियों के इस सीजन में लगभग 30 लाख से ज्यादा शादियों के जरिए लगभग चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के व्यापार होने की संभावना थी. लेकिन इसी बीच अचानक दिल्ली, महाराष्ट्र, बंगाल और झारखंड सहित देश भर में कोरोना के मामलों में तेजी के चलते विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा लगाई गई विभिन्न पाबंदियों के कारण घटकर केवल डेढ़ लाख करोड़ ही होने का अनुमान है.जिससे व्यापारियों का उत्साह टूट गया है. कैट ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में कहीं 50 अथवा केवल सौ लोगों के शादियों में शामिल होने की अनुमति दी गई है. इसी प्रकार से कई अन्य प्रतिबंध भी शादियों से संबंधित गतिविधियों पर लगाए गए हैं जिसके कारण शादियों के सीजन में होने वाले बड़े व्यापार का बंटाधार हो गया है.अस्थायी रोजगार में भी आएगी गिरावट: सोंथालिया
कैट के राष्ट्रीय सचिव श्री सोंथालिया ने कहा कि जनवरी से लेकर मार्च के तीन महीनों में लगभग 17 मुख्य शादी मुहूर्त हैं. इन दिनों के लिये झारखंड सहित देश भर में बैंक्वेट हाल, होटल, खुले लॉन, फार्म हाउस एवं शादियों के लिए अन्य अनेक प्रकार के स्थान पूरी तरह तैयार थे. प्रत्येक शादी में सामान की खरीदारी के अलावा अनेक प्रकार की सर्विस को भी बड़ा व्यापार मिलता है जिसमें टेंट डेकोरेटर, फूल की सजावट करने वाले लोग, क्राकरी, कैटरिंग सर्विस, ट्रेवल सर्विस, कैब सर्विस, स्वागत करने वाले प्रोफेशनल समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड-बाजा, शहनाई, आर्केस्ट्रा, डीजे, बारात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट वाले सहित अन्य अनेक प्रकार की सर्विस के इस बार बड़ा व्यापार करने की उममीद थी. इसके साथ ही इवेंट मैनजमेंट भी एक बड़े व्यापार के रूप में उभरा है. कोविड संक्रमण में तेजी आने के बाद अब इन सब वर्गों में व्यापार काफी घट जाएगा और बड़ी संख्या में जिन लोगों को अस्थायी रोजगार मिलता था वो भी बेहद कम होगा.देश भर में व्यापारियों ने काफी तैयारियां कर रखी थीं
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री खंडेलवाल ने बताया कि शादी के सीजन के इस दूसरे चरण में 7 लाख शादियों में प्रत्येक शादी 2 लाख रुपये, वहीं 6 लाख शादियों में प्रति शादी 5 लाख,10 लाख शादियों में 10 लाख प्रति शादी, 6 लाख शादियों में 25 लाख प्रति शादी, 50 हज़ार शादियों में 50 लाख प्रति शादी एवं 50 हजार शादियां ऐसी होंगी जिनमें एक करोड़ या उससे अधिक धन खर्च होने का अनुमान था. कुल मिलाकर इस एक महीने के शादी के सीजन में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पैसे का प्रवाह बाजारों में शादी की खरीदी के माध्यम से होने को देखते हुए देश भर में व्यापारियों ने काफी तैयारियां कर रखी थीं जो अब कोविड के चलते संभव नहीं होगा और व्यापार में बड़ी गिरावट दिखाई देगी.शादी का 80 प्रतिशत खर्च अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है
श्री सोंथालिया ने कहा कि प्रत्येक शादी का लगभग 20 प्रतिशत खर्च वर-वधू पक्ष को जाता है जबकि 80 प्रतिशत खर्च शादी को संपन्न कराने में काम करने वाली अन्य तीसरी एजेंसियों को जाता है. शादियों के सीजन से पहले जहां घरों की मरम्मत एवं पेंट आदि का व्यापार बड़ी मात्रा में होता है वहीं ज्वेलरी, साड़ियां, लहंगे-चुन्नी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, फुटवियर, शादी एवं ग्रीटिंग कार्ड, ड्राई फ्रूट, मिठाइयां, फल, शादियों में इस्तेमाल होने वाला पूजा के सामान, किराना, खाद्यान्न, डेकोरेशन के आइटम, बिजली के उपयोगी सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा उपहार में देने वाली अनेक वस्तुओं आदि का व्यापार ख़ास तौर पर होता है.22 जनवरी से 9 मार्च तक विवाह मुहूर्त
कैट की आध्यात्मिक एवं वैदिक ज्ञान कमेटी के चेयरमैन एवं देश के जाने माने ज्योतिषाचार्य श्री दुर्गेश तारे ने बताया कि तारों की गणना के अनुसार जनवरी महीने में 22, 23, 24 और फिर 25 तारीख, फरवरी महीने में 5, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 18, 19, 20 एवं 22 तारीख तथा और फिर मार्च महीने में 4 एवं 9 तारीख को विवाह मुहूर्त हैं. ज्योतिषाचार्य श्री तारे ने बताया की सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए इन मुहूर्तों का विशेष महत्व है जबकि इन तारीखों के अलावा इन तीन महीनों में आर्यसमाज, सिख बंधु, पंजाबी बिरादरी, गुजराती समाज, जैन समाज तथा अन्य अनेक वर्ग जो मुहूर्त के बारे में विचार नहीं करते, उनके यहां भी बड़ी संख्या में शादी समारोह संपन्न होंगे. [wpse_comments_template] इसे भी पढ़ें: टी-शर्ट">https://lagatar.in/t-shirt-and-toffee-scam-assembly-committee-recommended-a-high-level-inquiry/">टी-शर्टऔर टॉफी घोटाला : विधानसभा की समिति ने की उच्चस्तरीय जांच की अनुशंसा

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