: सिख समुदाय को धर्म व सामाजिक सेवाओं से जोड़ने के लिए चलाया जायेगा “घर-घर गुरबानी लहर” मिशन
कई खेतों में यूरिया और कीटनाशक का छिड़काव किया गया
बक्सर के चौसा के गोसाईपुर गांव में किसानों ने ड्रोन का प्रयोग किया. इस दौरान कई खेतों में यूरिया और कीटनाशक का छिड़काव किया गया. कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल से भारतीय कृषि में आमूल-चूल परिवर्तन आएगा. खेती के तौर तरीके बगलेंगे. क्योंकि ड्रोन का इस्तेमाल सिर्फ खाद और कीटनाशकों के छिड़काव तक सीमित नहीं रहेगा. ड्रोन के इस्तेमाल से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. इसे भी पढ़ें - Russia-Ukraine">https://lagatar.in/russia-ukraine-conflict-air-india-flight-took-off-to-bring-indians-from-ukraine/">Russia-UkraineConflict : यूक्रेन से भारतीयों को लाने के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट ने उड़ान भरी
परंपरागत कृषि तकनीक से छुटकारा मिल जायेगा
एक्सपर्ट राधेश्याम सिंह ने बताया कि ड्रोन के इस्तेमाल से किसानों को परंपरागत कृषि तकनीक से छुटकारा मिल जायेगा. इससे सबसे बड़ा फायदा किसानों के समय की बचत होगी. क्योंकि ड्रोन के इस्तेमाल से बड़े क्षेत्रफल में बहुत कम समय में कीटनाशक, दवा और उर्वरकों का छिड़काव आसानी से किया जा सकेगा. ड्रोन से छिड़काव करने पर मात्र 20 मिनट में साढ़े तीन एकड़ जमीन पर दवाओं का स्प्रे किया जा सकेगा. जिसे अगर हाथ से स्प्रे किया जाए तो दिन भर का समय लग जाएगा. इसे भी पढ़ें - बेचन">https://lagatar.in/bechan-mirdha-murder-case-accused-away-from-police-custody-fir-registered-against-two/">बेचनमिर्धा हत्याकांड : पुलिस के गिरफ्त से दूर आरोपी, दो पर प्राथमिकी दर्ज
ड्रोन में 10 लीटर की टंकी होगी
बताया जा रहा है कि ड्रोन में दवा, कीटनाशक या उर्वरक भरने के लिए 10 लीटर की टंकी होती है. छिड़काव करने के बाद अगर टंकी खाली होती है तो ड्रोन खुद से वापस आकर टंकी को दोबारा भर सकती है जिस जगह से पहली बार टंकी भरी गई थी. फिर ड्रोन उसी जगह से छिड़काव शुरू करेगा जहां पर टंकी खाली हुई थी. इसमें एक सेंटीमीटर का अंतर नहीं आता है. इसे भी पढ़ें -किसानों को शारीरिक मेहनत कम हो जायेगी
कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल से किसानों को शारीरिक मेहनत से मुक्ति मिलेगी. इस दौरान किसी पेड़ के नीचे या छाया वाली जगह पर आराम से बैठकर ड्रोन को ऑपरेट कर पायेंगे. साथ ही इसका एक फायदा यह होगा की स्प्रे मशीन से छिड़काव के दौरान जो हानिकारक तत्व उड़कर स्प्रे करने वाले के शरीर अथवा सांस के जरिए शरीर के अंदर जाते थे, उससे मुक्ति मिलेगी. किसानों को खेतों के अंदर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे उन्हें कीड़े मकोड़े काटने का खतरा नहीं रहेगा और खेत में घुसने पर जो पौधों के टूटने का खतरा भी नहीं होगा. इसे भी पढ़ें - Russia-Ukraine">https://lagatar.in/russia-ukraine-dispute-russia-recognized-the-two-rebel-areas-of-ukraine-as-separate-countries-indias-emphasis-on-diplomatic-talks-in-unsc-meeting/">Russia-Ukrainedispute : रूस ने यूक्रेन के दो विद्रोही को अलग देश के रूप में मान्यता दी, UNSC की बैठक में भारत का राजनयिक बातचीत पर जोर [wpse_comments_template]

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