Ranchi : राज्य सरकार अब कैक्टस की खेती करेगी. इसके पीछे वजह यह है कि इसके लिए कम पानी की आवश्यकता होगी. शुष्क क्षेत्रों में कैक्टस की खेती कर पशुधन के लिए चारा उपलब्ध कराया जाएगा. चारा उपलब्ध होने से पशुधन के अच्छा स्वस्थ एवं दुग्ध उत्पादन में वृद्धि भी हो सकेगा.
साथ ही इसका बहुउद्देशीय उपयोग भी किया जाएगा. जिसमें फल, सब्जी एवं औषोधीय उपयोग महत्वपूर्ण है. यह जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अच्छी प्रजाति का फसल है. राज्य के वर्षा आधारित क्षेत्रों में कृषि अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग भी बनेगा.
किस योजना के तहत होगी कैक्टस की खेती
झारखंड राज्य में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जलछाजन विकास अवयव परियोजना के तहत कैक्टस वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत कुल 1015.6 एकड़ क्षेत्र में रीढ़विहीन कैक्टस वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा झारखंड राज्य जलछाजन मिशन को 30 जलछाजन परियोजनाओं के लिए परियोजना लागत 393.5332 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है. इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन भूमि संसाधन विभाग द्वारा निर्धारित मार्गदर्शिका के अनुरूप किया जा रहा है.
कैक्टस की खेती के लिए मिलेगा तकनीकी सहयोग
सचिव, भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मुख्य सचिव, झारखंड सरकार को प्रेषित पत्र द्वारा राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति के माध्यम से कैक्टस वृक्षारोपण का कार्य करने और इसके तकनीकी सहयोग के लिए 4 पक्षों के मध्य एमओयू करने का निदेश दिया गया है. इसके तहत भूमि संसाधन विभाग भारत सरकार, नई दिल्ली, आइसीएआर, नई दिल्ली, इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च इन द ड्राइ एरिया अम्लाहा, मध्य प्रदेश और झारखंड राज्य जलछाजन मिशन, ग्रामीण विकास विभाग के बीच एमओयू होगा.